Mandi me Ghumne ki jagah : मंडी, हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित एक सुंदर शहर है। मंडी शहर कुल्लू से 70 किमी, मनाली से 120 किमी, शिमला से 150 किमी दूरी पर स्थित है।
सैकड़ों प्राचीन मंदिरों, ऊंचे चीड़ और हरे देवदारों से भरा मंडी शहर में आपको एक अलग ही तरह का अनुभव प्रदान होगा। शांत झीलें, नए बने बांध और कुछ प्राचीन मंदिर से घिरा मंडी शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है।
अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में मंडी जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको मंडी कैसे जाएँ?, मंडी में कहा रुके?, मंडी में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Mandi Me Ghumne ki Jagah), मंडी जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
मंडी में घूमने की जगह | Mandi Me Ghumne ki Jagah
मंडी घूमने से पहले
मंडी जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़े।
- मंडी ब्यास नदी के किनारे बसा हुआ है।
- मंडी को ‘छोटी काशी’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर 81 से ज़्यादा पुराने शिव मंदिर हैं।
मंडी में घूमने की जगह (Mandi Tourist Places in Hindi)
पराशर झील (Prashar Lake)
समुद्र तल से 2,730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पराशर झील मंडी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। धौलाधार पर्वतमाला और घने देवदार के जंगलों से घिरी हुई इस झील के बीच में एक तैरता हुआ द्वीप दिखाई देता है।
यहाँ एक प्राचीन पगोडा शैली का शिवालय जैसा मंदिर भी है, जो ऋषि प्रशर को समर्पित है। मंडी के राजा बानसेन ने 14वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण कराया था।
अंडाकार आकार की इस झील का पानी क्रिस्टल क्लियर है। यह स्थान ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है। मंडी शहर से इस झील के बीच की दूरी करीब 50 किमी की हैं।

अगर आप बस के माध्यम से पराशर झील पहुँचना चाहते हो तो, आपको मंडी से सुबह 7.45 बजे बस पकड़नी होगी जो आपको लगभग 11.15 बजे पराशर झील (कटौला और बागी के रास्ते) पंहुचा देगी और दोपहर 1.15 बजे पराशर झील से वापस लौटती है और रोज़ाना लगभग 4.15 बजे मंडी पहुँचती है।
सर्दियों के बर्फ़ की वजह से बसें पराशर झील तक नहीं जाती हैं। इसलिए अगर आप सर्दियों के मौसम में पराशर झील पहुँचना चाहते हो तो आपको बागी गाँव से शुरू होने वाला 7 किमी का ट्रैकिंग रूट से आना होगा। यह ट्रेक ज़्यादातर घने जंगल से होकर ऊपर की ओर जाता है।
सर्दियों में पराशर झील तक पहुँचने के लिए ट्रैकिंग ही एकमात्र विकल्प है। यहाँ कई कैंपिंग साइट भी स्थित हैं। यहां वन विश्राम गृह और हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह है, जहां रात्रि विश्राम किया जा सकता है।
रिवालसर झील (Rewalsar Lake)
पहाड़ की चोटी पर बसा रिवालसर एक चौकोर आकार की झील है जो 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस झील को पेमा लोटस झील के नाम से भी जानते हैं, जो की मंडी शहर से करीब 23 किमी की ऊंचाई पर स्थित हैं।
यह झील हिंदू, सिख और बौद्ध धर्मों के लिए पवित्र मानी जाती है। यहाँ गुरुद्वारा, बौद्ध मठ और मंदिर स्थित हैं, जो धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक हैं। ऐसा कहा जाता है कि महान ऋषि पद्मसंभव (गुरु रिनपोछे) ने यहाँ ध्यान किया था, और झील के पास एक चट्टान पर अपने पैरों के निशान छोड़े थे।
पर्यटक झील के चारों ओर आराम से सैर कर सकते हैं। शांत पानी पर नौका विहार या आस-पास के मठों की खोज करना अनुभव को और बढ़ा देता है।
शिकारी देवी मंदिर (Shikari Devi Temple)
3,332 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर देवी शिकारी को समर्पित है ]और इसकी कोई छत नहीं है।। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य अत्यंत मनमोहक होते हैं। यह स्थान ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी उपयुक्त है।
ट्रेकिंग, फोटोग्राफी और शिकारी देवी वन्यजीव अभयारण्य
भूतनाथ मंदिर (Bhutnath Temple)
मंडी शहर के बीच में स्थित एक ऐतिहासिक शिव मंदिर, भूतनाथ मंदिर मंडी के सबसे बेहतरीन प्रसिद्ध स्थानों में से एक है । यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बनाया गया था।
यह प्राचीन मंदिर अपने शांत वातावरण और स्थापत्य कला की वजह से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है। बाबा भूतनाथ मंदिर के परिसर में कदम रखना एक आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने जैसा है, जहाँ प्रार्थनाओं और भजनों की गूँज हवा में गूंजती है।
पंडोह डैम (Pandoh Dam)
पंडोह डैम ब्यास नदी पर बनाया गया है। विशेष रूप से जलविद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के उद्देश्य से डिजाइन और निर्मित किया गया यह डैम एक इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है।
बांध द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहाँ का शांत वातावरण और हरियाली मन को शांति प्रदान करती है।
पंडोह बांध की यात्रा का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच है। मानसून के मौसम में पानी के करीब जाने से बचें।
भीमाकाली मंदिर (Bhima Kali Temple)
यह मंदिर देवी भीमाकाली को समर्पित है और इसकी वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है। मंदिर के पास एक संग्रहालय भी है, जहाँ प्राचीन मूर्तियाँ प्रदर्शित हैं।
तत्तापानी (Tattapani)
सतलुज नदी के किनारे स्थित यह स्थान अपने गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ रिवर राफ्टिंग, कैम्पिंग और अन्य साहसिक गतिविधियाँ की जा सकती हैं।
जंजैहली (Janjehli)
यह एक सुंदर घाटी है, जो ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है। यहाँ की हरियाली और शांत वातावरण मन को सुकून प्रदान करता है।
मंडी घूमने का सही समय (Best Time To Visit Mandi)
मंडी भारत के उत्तर भाग में स्थित है इसलिए यहाँ पर गर्मियाँ गर्म लेकिन सुखद होती हैं और सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है।
मार्च-जून : मंडी में गर्मी का मौसम मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में शुरू होता है और जून के महीने तक जारी रहता है। मंडी घूमने के लिए यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस समय मौसम न तो बहुत गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा।
दिन के दौरान तापमान अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, जबकि रात में तापमान औसतन 20 डिग्री सेल्सियस रहता है। दिन गर्म होते हैं, लेकिन हमेशा सुहावने होते हैं और रातें ठंडी होती हैं और हवा हमेशा चलती रहती है।
जुलाई -सितंबर : मंडी में मानसून जुलाई में शुरू होता है और सितंबर में खत्म होता है। इन महीनों के दौरान, मंडी में अच्छी मात्रा में बारिश होती है जिससे ज़मीन पूरी तरह गीली और फिसलन भरी हो जाती है।
इस दौरान भूस्खलन होने की संभावना होती है, जिसके कारण यहाँ पर घूमना थोड़ा कठिन और खतरनाक हो सकता है। दिन में तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है और रात में यह औसतन 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे वातावरण काफी ठंडा हो जाता है।
अक्टूबर – फरवरी : अगर आप बर्फ के दीवाने हैं, तो सर्दियों के मौसम में मंडी जाना आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव होगा! अक्टूबर से फरवरी तक चलने वाले सर्दियों के महीनों में, इस हिल स्टेशन पर बहुत ज़्यादा बर्फ गिरती है, जो इस जगह को बेहद खूबसूरत और शांत बनाती है।
तापमान अधिकतम 5°C -10°C से लेकर न्यूनतम -10°C तक होता है। बर्फ से ढके पहाड़ों और बर्फ से ढके देवदार के जंगलों की प्राकृतिक सुंदरता वाकई मनमोहक होती है।
मंडी घूमते समय साथ में क्या रखें?
- मंडी में नेटवर्क सभी जगह नहीं मिलता इसलिए ट्रैकिंग से पहले गूगल मैप डाउनलोड कर लें।
- ट्रेकिंग शूज
- पावर बैंक
- टॉर्च
- आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- व्यक्तिगत दवा
- पानी की बोतल
- सनस्क्रीन और लिप बाम
- बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
- सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
- कैमरा
- छोटा बैग या बैकपैक( यात्रा के दौरान आवश्यक सामान आराम से ले जाने के लिए)
- लोकल मार्केट से ऊन के बने शॉल और हैंडीक्राफ्ट ज़रूर खरीदें।
निष्कर्ष
मंडी, हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा शहर है जिसे प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का खजाना मिला है। इस आर्टिकल में हमने आपको मंडी में घूमने की जगह ( Mandi Me Ghumne ki Jagah), मंडी की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको मंडी की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।
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