Ranikhet Me Ghumne Ki Jagah : रानीखेत उत्तराखंड का एक प्राचीन हिल स्टेशन है। रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय भी है। 1,869 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन को अंग्रेजो द्वारा बनाया गया था।
कहा जाता है की रानी पद्मिनी यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता से इतनी प्रसन्न हुई थी कि राजा सुधारदेव ने उनके लिए यहां एक महल बनवाया और इस स्थान का नाम रानीखेत रखा। अंग्रेजो ने महल तोड़कर यहाँ पर अपनी छावनी स्थापित की थी।
रानीखेत अपने शांत वातावरण और मनमोहक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर पहुंचने के बाद आप अपने आप को प्रकृति की गोद में पाएंगे।
अगर आप भी गर्मी या सर्दियों की छुट्टियों में हिल स्टेशन रानीखेत में घूमने के लिए जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो। इस आर्टिकल में हम आपको रानीखेत में घूमने की प्रसिद्ध जगह और दर्शनीय स्थल के बारे में विस्तारपूर्वक माहिति प्रदान करेंगे।
साथ साथ हम आपको बताएँगे की रानीखेत कब जाना चाहिए?, कैसे जाना चाहिए?, रानीखेत घूमने में कितना खर्चा लगेगा और वहा पर कहा रुकेंगे?, रानीखेत जाकर आप कौन सी एक्टिविटी कर सकते हो? तो आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
रानीखेत में घूमने की जगह | Places To Visit In Ranikhet In Hindi
रानीखेत घूमने से पहले
रानीखेत के दर्शनीय स्थल और घूमने की जगह (Tourist Places in Ranikhet in Hindi)
झूला देवी मंदिर (Jhula Devi Temple)
झूला देवी मंदिर 8वीं शताब्दी का एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर रानीखेत से 7 किमी की दूरी पर चौबटिया के पास स्थित है। झूला देवी मंदिर देवी दुर्गा माता को समर्पित है। वह एक झूले (झूला) पर बैठी हैं, इसलिए उन्हें झूला देवी नाम दिया गया है।
कहा जाता है कि इस क्षेत्र में जंगली जानवर का बहुत आतंक था और स्थानीय लोग उनसे बचने के लिए माता दुर्गा की पूजा किया करते थे। एक दिन एक ग्वाले को सपने में माता दुर्गा ने दर्शन दिए और और उन्हें एक विशेष स्थान पर खुदाई करने का निर्देश दिया।
जहां से उसे माता दुर्गा की मूर्ति प्राप्त हुई। इस मूर्ति को झूले पर स्थापित करके पूजा अर्चना की गई और तभी से यह स्थान झूला देवी मंदिर कहलाने लगा।

इस मंदिर में हर जगह पर आपको घंटियाँ देखने को मिलेगी। ऐसा कहा जाता है कि लोग अपनी मनोकामना पूरी हो जाने पर देवी देवता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए इस मंदिर में घंटी बांधते है।
यह एक छोटा सा मंदिर है जिसकी देखरेख अधिकतर सेना द्वारा की जाती है। इस मंदिर की मुलाकात अवश्य लीजिए। वहां मनोकामना करने के लिए एक घंटी लें।
रानी झील (Rani Jheel)
रानी झील एक मानवनिर्मित झील है। इस झील का निर्माण इंडियन आर्मी कैंटोनमेंट बोर्ड ने वर्षा जल संचयन के उद्देश्य से बनाया था। रानीखेत के मुख्य बाजार से रानी झील की दुरी लगभग 3 किलोमीटर है।
आप यहाँ पर पैदल और टेक्सी से माध्यम से वहां पहुंच सकते हो। रानी झील में आप बोटिंग का आनंद ले सकते है या फिर उनके किनारे पर बैठकर प्रकृति और शांत वातावरण का लुप्त उठा सकते है।
मनकामेश्वर मंदिर ( Mankameshwar Temple)
मनकामेश्वर मंदिर का निर्माण कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा किया गया है। मंदिर के अंदर राधा-कृष्ण, मां कालिका और भगवान शिव की मूर्तियां हैं।

यह मंदिर एक चोटी पर स्थित है। यह मंदिर गोल्फ कोर्स मैदान के रास्ते में आता है। यह मंदिर में आप लगभग 30 मिनट जितना समय बिता सकते है। कुछ लोग इसे मनीला मंदिर कहते है।
यह मंदिर भारतीय सेना की देखरेख में है और फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
द्वाराहाट (Dwarahat)
स्थानीय भाषा में द्वाराहाट का अर्थ है “स्वर्ग का रास्ता”। द्वाराहाट में सैकड़ों मंदिर चारों ओर फैले हुए हैं। 11वीं सदी के प्राचीन मंदिर अवश्य देखने लायक हैं।

द्वाराहाट में ठहरने का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन लोग रानीखेत या कौसानी में रुक सकते हैं जो पास के शहर हैं। द्वाराहाट गांव प्राकृतिक सुंदरता से भरपुर है।
हैदाखान बाबाजी मंदिर ( Haidakhan Babaji Temple)
हैदाखान बाबाजी मंदिर तक जाने का रास्ता देवदार के पेड़ों के बीच से होकर गुजरता है। यह स्थान बहुत शांत है। यहां मुश्किल से ही कोई लोग आते हैं और मंदिर से हिमालय का दृश्य मन को झकझोर देने वाला है।

जहां तक मंदिर की बात है तो इसका कोई धार्मिक इतिहास नहीं है। यह उस व्यक्ति को समर्पित है जिसने इसे स्थापित किया है।
कटारमल सूर्य मंदिर (Katarmal Sun Temple)
सूर्य मंदिर कटारमल एक खूबसूरत पहाड़ी की चोटी पर समुद्र तल से 2116 मीटर की ऊंचाई पर कोसी गांव (1.5 किमी) के पास अल्मोडा बागेश्वर रोड पर अल्मोड़ा (12 किमी) के पास कटारमल गांव में स्थित है।

रास्ते में और मंदिर परिसर में कोई दुकान नहीं है। एक बार जब आप मंदिर परिसर में पहुंचेंगे, तो आपको चारों ओर दिव्यता और आध्यात्मिकता का एहसास होगा। सूर्य मंदिर होने के कारण सूर्य की पहली किरण मुख्य मंदिर के अंदर स्थित शिवलिंग पर पड़ती है।
कटारमल सूर्य मंदिर पत्थर पर आधारित है और इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में कत्यूरी राजा कटारमल ने चूने और दाल के पेस्ट के मिश्रण से करवाया था। मुख्य मंदिर के चारों ओर छोटे-छोटे समूहों में 45 लघु मंदिर हैं, जिनका निर्माण अलग-अलग समय में किया गया लगता है।
10वीं शताब्दी की एक मूर्ति चोरी हो जाने के बाद, मुख्य मंदिर के नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और पैनल राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली में ले जाए गए थे।
चौबटिया बाग (Chaubatia Garden)
‘चौबटिया’ शब्द का शाब्दिक अर्थ चार रास्तों का एक सामान्य मिलन बिंदु। रानीखेत से लगभग 10 किलोमीटर की दुरी पर है। यहां कार या निजी टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चौबटिया गार्डन एशिया का सबसे बड़ा सेवों का बगीचा भी है। अपने हरे-भरे सेब के बगीचों के साथ-साथ चौबटिया बाग खुबानी, प्लम और आड़ू जैसे अन्य फलों के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है।
चौबटिया गार्डन की स्थापना ब्रिटिश काल के दौरान हुई थी और अब यह भारतीय सेना के आधीन है। चौबटिया बाग से नंदा देवी, नीलकंठ, नंदाघुंटी और त्रिशूल की पर्वत की चोटियां भी दिखाई पड़ती है।

वनस्पति विज्ञानियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक सर्वोत्तम स्थान है। आप यहाँ पर प्रकृति का आनद ले सकते हो साथ साथ फोटोग्राफी भी कर सकते हो। चौबटिया गार्डन से शहद, फल और जूस लेना न भूलें।
रानीखेत गोल्फ कोर्स (Ranikhet Golf Course)
रानीखेत गोल्फ कोर्स एशिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्फ ग्राउंड है। चील के पेड़ से घेरे जंगल के बीचों बीच स्थित यह गोल्फ कोर्स रानीखेत अल्मोड़ा रोड से 6 किलोमीटर की दुरी पर है।

आशियाना पार्क (Ashiyana Park)

बिनसर महादेव मंदिर (Binsar Mahadev Temple)
भालू डैम (Bhalu Dam)

मजखाली (Majkhali)
कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय (Kumaon Regimental Center (KRC) Museum)
तारीखेत गांव (Tarikhet Village)
राम मंदिर रानीखेत (Ram Mandir)
सनसेट पॉइंट (Sunset Point)
कलिका मंदिर (Kalika Temple)

शीतलाखेत (Sitlakhet)
रानीखेत में लोकप्रिय स्थानीय भोजन
रानीखेत घूमने का सही समय
रानीखेत कैसे पहुंचे?
रानीखेत भारत के उत्तराखंड में एक सुंदर हिल स्टेशन है, जो सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रानीखेत पहुँचने के लिए आपके पास तीन विकल्प मौजूद है। आप अपने बजट और समय के अनुसार रानीखेत पहुँचने के लिए विकल्प चुन सकते है।
प्रमुख शहरों से रानीखेत की दुरी:
शहर | दूरी |
दिल्ली | 360 किमी |
नैनीताल | 60 किमी |
हल्द्वानी | 85 किमी |
काठगोदाम | 80 किमी |
देहरादून | 340 किमी |
अल्मोड़ा | 50 किमी |
पंतनगर | 110 किमी |
सड़क मार्ग द्वारा रानीखेत कैसे पहुंचे?
रानीखेत दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार जैसे शहरों से आप आसानी से सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हो। यहाँ का सड़क मार्ग काफी सुविधा जनक है। आप बस, कार, बाइक के द्वारा आसानी से यहाँ तक पहुँच सकते हो।
अगर आप रानीखेत दिल्ली से आ रहे हो तो आपको 8-10 घंटे का समय लग सकता है। वही नैनीताल और काठगोदाम से आपको 2 से 3 घंटे तक का समय लग सकता है।
अगर आप दिल्ली से रानीखेत बस में आना चाहते हो तो आपको 500 से 600 रूपये तक टिकट की लागत लग सकती है।
ट्रैन मार्ग द्वारा रानीखेत कैसे पहुंचे?
काठगोदाम रानीखेत से सबसे पास का रेलवे स्टेशन है। रानीखेत से काठगोदाम की दुरी लगभग 80 किलोमीटर है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस के द्वारा रानीखेत पहुँच सकते है।
काठगोदाम से रानीखेत अगर आप प्राइवेट टैक्सी में जाते हो तो आपको 3000 रुपये जितनी लागत लग सकती है, वहीं पर शेयर्ड टैक्सी में आपको 200 से 250 रुपये और बस में 100 से 150 रुपये जितना खर्चा होगा।
हवाई मार्ग द्वारा रानीखेत कैसे पहुंचे?
अगर रानीखेत आप फ्लाइट से जाना चाहते हो तो निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो रानीखेत से लगभग 110 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से, आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या रानीखेत के लिए बस ले सकते हैं।
दिल्ली से पंतनगर की फ्लाइट है, जो देहरादून में एक घंटे रुकती है इसलिए रानीखेत आने के लिए फ्लाइट अच्छा विकल्प नहीं है।
रानीखेत में रुकने की जगह
रानीखेत एक लोकप्रिय और शांत हिल स्टेशन है। यहाँ पर हर साल कई लोग घूमने के लिए आते है। इसलिए रानीखेत में रुकने के लिए सभी प्रकार के विकल्प मौजूद है।
हमने निम्नलिखित कुछ होटल के नाम आप के साथ शेयर किये है, जो आपको मददगार साबित होंगे।
- कुमाऊँ फॉरेस्ट रेस्ट हाउस (Kumaon Forest Rest House)
- क्वीन्स रेस्टोरेंट (Queen’s Restaurant)
- होटल मून (Hotel Moon)
- रानीखेत इन (Ranikhet Inn)
- वेस्ट व्यू होटल (West View Hotel)
- होटल पारिजात (Hotel Parijat)
- हिमालयन व्यू रिज़ॉर्ट (Himalayan View Resort)
- होटल शिवा (Hotel Shiva)
- रानीखेत क्लब (Ranikhet Club)
- होटल पाइन व्यू (Hotel Pine View)
रानीखेत में कैसे घूमे?
रानीखेत एक सुंदर हिल स्टेशन है। हो सके तो आप रानीखेत में पैदल घूमे और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद जरूर लीजिये।
रानीखेत घूमने के लिए आपको लोकल टैक्सियाँ और कैब्स आसानी से मिल जाएँगी और जिसके लिए आपको पुरे दिन का ₹1500-₹3000 जितना चार्ज लग सकता है। स्थानीय बसें और शेयरिंग जीप का विकल्प भी आपको मिल जायेगा। ₹800-₹1500 प्रति दिन के हिसाब से बाइक रेंटल भी कुछ जगहों पर उपलब्ध है।
रानीखेत घूमने का खर्चा
किसी भी जगह पर घूमने का खर्चा आप किस प्रकार यात्रा करते हो, कितने दिनों के लिए यात्रा करते हो, वहां ठहरने की व्यवस्था, भोजन, और अन्य व्यक्तिगत खर्च पर निर्भर करता है।
अगर आप भारत के किसी भी कोने से रानीखेत घूमना चाहते हो तो आपको पहले दिल्ली तक आना पड़ेगा। दिल्ली से रानीखेत की दूरी लगभग 350 किलोमीटर है।
आप सड़क मार्ग से बस द्वारा यात्रा करते हो तो बस का किराया लगभग ₹500 से ₹1000 तक हो सकता है, जबकि कार से जाने पर ईंधन और टोल मिलाकर खर्च बढ़ सकता है।
रानीखेत में रुकने के कई विकल्प मौजूद है। अगर आप सामान्य होटलों में रुकते हो तो प्रति रात का किराया ₹1000 से ₹2000 तक हो सकता है, जबकि लक्ज़री होटलों में यह ₹3000 या उससे अधिक हो सकता है।
भोजन और अन्य खर्च मिलाकर आपको प्रतिदिन 500 से 1000 रुपये तक की लागत लग सकती है।
रानीखेत में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति एक दिन के यात्रा का खर्चा लगभग 1500 रुपये से लेकर 2000 तक हो सकता है। जिसमें रहने, खाने और घूमने का खर्चा शामिल है।
रानीखेत घूमते समय साथ में क्या रखें?
रानीखेत घूमते समय आप निम्नलिखित चीजें अपने पास जरूर रखें ताकि आप की यात्रा सरल हो सके।
- फ़ोन और चार्जर
- आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- व्यक्तिगत दवा
- पानी की बोतल
- सनस्क्रीन और लिप बाम
- बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
- धूप का चश्मा और टोपी ( खासकर गर्म मौसम के दौरान )
- सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
- कैमरा
- छोटा बैग या बैकपैक
- नोटबुक और पेन
- आरामदायक जूते
निष्कर्ष
चाहे आप रोमांच पसंद करते हों, शांति चाहते हों या आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हों, रानीखेत आपको निराश नहीं करेगा। इस आर्टिकल में हमने आपको रानीखेत में घूमने की जगह (Ranikhet Me Ghumne ki Jagah), रानीखेत की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको रानीखेत की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।
अगर आप के पास इस आर्टिकल के सम्बंधित कोई भी सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। हम उसे जल्द की अपडेट करेंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि रानीखेत जाने वालों को यह आर्टिकल उपयोगी हो सके।
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