Gokul Me Ghumne Ki Jagah : गोकुल उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी के किनारे स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। गोकुल ऐतिहासिक, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक समृद्धि का एक मनोरम मिश्रण हैं।
यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की लीलाओं के लिए प्रसिद्ध है। भगवान कृष्ण का बचपन का घर, संकरी गलियाँ, यमुना नदी और असंख्य मंदिर कृष्ण की चंचल युवावस्था की कहानियों से गूंजते हैं।
गोकुल में भगवान कृष्ण ने पूतना वध, शकटासुर वध, और माखन चोर की लीलाएं जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किये है जिसका जिक्र आज भी किया जाता है। गोकुल मथुरा से दक्षिण-पूर्व में लगभग 15 किमी दूरी पर है।
अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में गोकुल जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको गोकुल कैसे जाएँ?, गोकुल में कहा रुके?,
गोकुल में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Gokul Ghumne ki Jagah), गोकुल जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
गोकुल में घूमने की जगह | Gokul Me Ghumne ki Jagah
गोकुल घूमने से पहले
गोकुल जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़े।
- ऐसा कहा जाता है कि गोकुल के गांवों को एक भूलभुलैया की तरह डिजाइन किया गया है, जिससे कृष्ण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- जब मथुरा के राजा कंस ने अपनी ही बहन देवकी के बेटे श्रीकृष्ण को मारने का आदेश दिया, तब वसुदेव ने जन्म के तुरंत बाद श्रीकृष्ण को मथुरा से गोकुल लाकर नंद बाबा और यशोदा के पास रखा।
- गोकुल में ही नंद और यशोदा के वहां भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता।
- नंद गोकुलम के प्रमुख थे, जिन्हें यादव जनजाति राजा भी कहा जाता है।
- गोकुल का नाम गोपियों और गोपों की निवास भूमि होने के कारण पड़ा।
- संत वल्लभाचार्यजी ने गोकुल में कई साल बिताए थे, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा में काफी बढ़ोतरी मिली थी।
गोकुल में घूमने की जगह (Gokul Tourist Places in Hindi)
रमण रेती (Raman Reti)
रमण रेती गोकुल का एक पवित्र स्थान है, जहां पर भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम अपने बचपन के दौरान खेला करते थे। रमण रेती की पवित्र रेत में खेलने या बैठने से मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
मान्यता है कि जैसे यमुना और गंगा में नहाने से पाप दूर होते है ठीक वैसे ही यह रेती अपने शरीर पर लगाने से शरीर के सभी विकार दूर हो जाते है। कहा जाता है कि इस रेती में मंदिर बनाने से आपको वैकुंठ में आपको घर प्राप्त होगा।

यहाँ पर कई साधु महात्मा निवास करते है। इस परिसर में राधा कृष्ण का मंदिर, सरोवर, हिरनपार्क और भंडारा भी है। यहाँ पर शांत और ठंडे मौसम का अनुभव करने के लिए सुबह में जाएँ। रमन रेती की यात्रा के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
आप से निवेदन है अपने साथ पानी और नाश्ता जरूर ले जाएँ क्योंकि आस-पास सीमित सुविधाएँ हैं। यह स्थान गोकुल से लगभग 2.5 किलोमीटर की दुरी पर है।
रमण रेती स्थान पर आप टैक्सी और ऑटो-रिक्शा के जरिये आसानी से पहुंच सकते हो। यह स्थान सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक यह स्थान सुबह शाम: 4:00 बजे से 8:00 तक खुला रहता है, यहाँ पर आप 1 से 2 घंटे बिता सकते हो।
ब्रह्माण्ड घाट (Brahmand Ghat)
ब्रह्माण्ड घाट एक दर्शनीय और पवित्र घाट है, जहां माना जाता है कि कृष्ण ने अपनी पालक मां यशोदा को अपने मुंह में ब्रह्मांड दिखाया था। ब्रह्मांड घाट एक शांत और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है।
ब्रह्माण्ड कुंड का डिज़ाइन पारंपरिक है, जिसमें पानी तक नीचे जाने के लिए पत्थर की सीढ़ियाँ हैं, जो प्राचीन भारतीय वास्तुकला की याद दिलाती हैं। आप यहाँ पर शांति के घूम सकते है और ध्यान कर सकते हैं।

यहाँ पर एक मंदिर भी है जिसका नाम है ब्रह्माण्ड विहारी मंदिर। साथ ही ‘ब्रज की रज’ भी है जो तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है। नदी पर सूर्यास्त मनमोहक व्यू आपका दिल जीत लेगा।
यहाँ पर घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या देर शाम हैं। ब्रह्मांड कुंड कृष्ण भक्तों के लिए एक अनमोल स्थान है, जहां कोई भी कृष्ण के बचपन के गहन क्षणों को याद कर सकता है।
गोकुल नाथ मंदिर (Gokulnath Temple)
भगवान कृष्ण को समर्पित, इस मंदिर में जटिल वास्तुकला है और यह कृष्ण के जीवन के दृश्यों को खूबसूरती से चित्रित करता है।यह मंदिर वल्लभाचार्य संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है। यहाँ भगवान श्रीनाथजी की पूजा होती है।
मंदिर में मानसी गंगा नामक जलकुंड है। ऐसा कहा जाता है कि जब यशोदा माता (भगवान कृष्ण की पालक माँ) ने गंगा में स्नान करने की इच्छा व्यक्त की, तो कृष्ण ने यहाँ पर गंगा नदी को बहा दिया, इस तरह से इसे मानसी गंगा के नाम से जाना जाने लगा।
गोकुलनाथ मंदिर गोवर्धन परिक्रमा का अंतिम बिंदु है। मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे तक और शाम 4:00 – 8:00 बजे तक का होता है।
गोकुलनाथ मंदिर के पास कई छोटे-छोटे भोजनालय और प्रसाद वितरण स्थल हैं, जहाँ से आप स्वादिष्ट माखन-मिश्री, पंजीरी, और खिचड़ी प्रसाद का आनंद ले सकते हैं।
श्री नन्द यशोदा भवन (Shri Nand Yashoda Bhawan)
इसे नंद महल के नाम से भी जाना जाता है। यह कृष्ण के पालक पिता नंद महाराज का घर है। यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कृष्ण यहीं बचपन में रहे थे। श्री कृष्ण के जन्म के बाद उन्हें यही स्थान पर लाया गया था।
कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने 5000 साल पहले नन्दभवन का निर्माण किया था। ऊँचाई पर स्थित नन्दभवन में श्रीकृष्ण, माता यशोदा और नंद बाबा की सुंदर मूर्तियाँ है। नन्दभवन के पास में ही यमुना नदी बहती है।
चौरासी खंबा मंदिर ( 84 khamma Mandir)
84 जटिल नक्काशीदार खंभों पर आधारित एक अनोखा मंदिर, जो हिंदू मान्यताओं के अनुसार जीवन की 84 लाख प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करता है। वास्तुकला और आध्यात्मिकता का पता लगाने के लिए यह एक खूबसूरत जगह है।
पौराणिक महत्व के अनुसार इस मंदिर के दर्शन से 84 कोस की परिक्रमा का फल मिलता है।
ठकुरानी घाट (Thakurani Ghat, Gokul)
ठकुरानी घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है। ठकुरानी घाट गोकुल का सबसे प्रसिद्ध घाट है, क्योंकि माना जाता है कि इसी घाट के किनारे वल्लभाचार्य को देवी यमुना के दर्शन की कृपा हुई थी।
इसके बाद उन्होंने उनकी स्तुति में यमुनाष्टकम (एक धार्मिक गीत) गाया। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान कृष्ण और उनकी लीलाओं से जुड़े कई पवित्र प्रसंग घटित हुए थे।
यहाँ पर जन्माष्टमी और गोपाष्टमी, के दौरान भक्तों की भारी भीड़ होती है। आप यहाँ पर यमुना नदी में नौका विहार भी कर सकते हो या फिर घाट पर बैठकर शान्ति का आंनद भी ले सकते हो।
चिंताहरण घाट (Chinta Haran Ghat, Gokul)
ब्रह्माण्ड घाट से 1.5 किलोमीटर की दुरी पर चिंताहरण घाट स्थित है। यहाँ पर चिंताहरण महादेव का मंदिर है।

बलराम मंदिर (Balram Mandir)
कृष्ण के बड़े भाई भगवान बलराम को समर्पित यह मंदिर इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण है।
पतित पावन कुण्ड (Patit Pawan Kund)
गोपाल लाल कुंड
गोपाल लाल कुंड एक ऐतिहासिक जलाशय है जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ है। यह गोकुल के पर्यटन स्थलों की सूची में सबसे रमणीय स्थानों में से एक है।
गोकुल के प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन
गोकुल एक धार्मिक स्थल है, इसलिए यहाँ पर खाने में प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं होता है। आपको गोकुल में प्याज और लहसून देखने को भी नहीं मिलेंगे।
- गोकुल भगवान श्री कृष्ण का गांव है, तो यहां पर माखन और मिश्री का विशेष महत्व है। आप यहाँ पर माखन और मिश्री का अवश्य आनंद ले।
- गोकुल की खीर, बेसन के लड्डू और पेड़ा भी बहुत स्वादिष्ट होते है। यह मिठाई भगवान को भोग के रूप में चढ़ाई जाती है।
- गोकुल का एक मशहूर नमकीन है मठरी, जिसे चाय के साथ परोसा जाता है।
- गोकुल में आप सुबह के नाश्ते में गरमा गरम कचोरी और आलू की सब्जी का आनंद जरूर लीजिएगा।
- गोकुल का दही भी एक बहुत प्रसिद्ध है, जिसे मिट्टी के मटको में जमाया जाता है और उसका स्वाद काफी अलग और अनोखा होता है।
गोकुल घूमने का सही समय (Best Time To Visit Gokul)
गोकुल एक धार्मिक स्थल है। वैसे तो आप यहाँ पर किसी भी दिन और किसी भी महीने में आ सकते है लेकिन आप प्लान करके या बजेट ट्रिप में आना चाहते है तो गोकुल घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है।
अक्टूबर से मार्च के दौरान यहाँ पर ठंड का मौसम होता है। तापमान 8°C से 25°C के बीच होता है। आप को यहाँ पर किसी भी स्थान पर घूमने में गर्मी का अनुभव नहीं होगा। मार्च महीने में आप यहां पर होली का आनंद भी ले सकते हो।
अप्रैल से जून के दौरान यहाँ पर तापमान 40°C तक होता है। आपको यहाँ पर गर्मी का अनुभव होगा। गर्मी के मौसम के दौरान गोकुल घूमने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जुलाई से सितंबर के दौरान यहाँ पर बारिश होती है। बारिश की वजह से तापमान गिर जाता है लेकिन यहाँ पर कुछ सड़कें कीचड़युक्त हो सकती हैं। इस समय के दौरान यहाँ पर कम पर्यटक आते है।
गोकुल में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धामधूम के साथ और एक अलग भाव के साथ मनाया जाता है। अगस्त महीने में जन्माष्टमी के कारण आपको यहाँ पर भीड़ का सामना करना पड़ सकता है।
गोकुल में रुकने की जगह (Gokul Me Rukne ki Jagah)
गोकुल एक धार्मिक स्थल है, यहाँ ज्यादातर रहने की जगहें साधारण और धार्मिक यात्रियों के लिए अनुकूल होती हैं।
गोकुल में रुकने के लिए कई धर्मशालाएँ, गेस्ट हाउस, और होटल उपलब्ध हैं, जिसे आप आपकी आवश्यकताएँ और बजेट के अनुसार चुन सकते है।
गोकुलधाम धर्मशाला, ब्रज रत्न धर्मशाला गोकुल की लोकप्रिय धर्मशालाएँ है। गेस्ट हाउस और छोटे होटल में गोकुल विश्राम भवन और श्री कृष्णा गेस्ट हाउस यहाँ पर काफ़ी प्रसिद्ध है।
गोकुल में छोटे गेस्ट हाउस और होमस्टे उपलब्ध हैं, जहां स्थानीय लोग सस्ते दरों पर आवास प्रदान करते हैं। यदि आप शांत और आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं, तो आश्रम में रुकने का प्रयास करें।
सुझाव:
जन्माष्टमी और होली जैसे त्योहारों के समय होटल या धर्मशाला की प्री-बुकिंग जरुर करें।
ज़्यादातर लोग गोकुल, मथुरा और वृंदावन की यात्रा साथ में करते है इसलिए लोग मथुरा और वृंदावन में रुकना काफी पसंद करते है क्योंकि मथुरा और वृंदावन में ठहरने के काफी अच्छे और सस्ते विकल्प मौजूद है।
गोकुल में कैसे घूमें?
गोकुल में घूमने के लिए ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा सबसे अच्छा विकल्प हैं। आप पैदल भी कई स्थानों पर जा सकते हैं, क्योंकि यहाँ की गलियाँ संकरी और पास-पास हैं।
ई-रिक्शा / टेंपो ₹10-₹50 प्रति व्यक्ति (दूरी के अनुसार) चार्ज करते है। अगर आप शांत वातावरण में थोड़ा एडवेंचर भी चाहते हैं, तो साइकिल किराए पर लेकर गोकुल घूम सकते हैं। साइकिल किराए का चार्ज ₹50-₹100 प्रति घंटा होता है।
गोकुल कैसे जाएं?
अगर आप भारत के किसी भी कोने में रहते हो तो आपको गोकुल आने के लिए सबसे पहले मथुरा आना होगा। मथुरा आने के लिए आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग या फिर हवाई मार्ग में से एक विकल्प चुन सकते हो।
मथुरा से गोकुल की दुरी लगभग 10 किलोमीटर की है।
सड़क मार्ग : गोकुल सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मथुरा से गोकुल तक टैक्सी, ऑटो रिक्शा या स्थानीय बस उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग : गोकुल से निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है। मथुरा जंक्शन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। मथुरा स्टेशन से गोकुल तक टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा 20-30 मिनट में पहुँचा जा सकता है।
हवाई मार्ग : अगर आप हवाई मार्ग से आते हो तो निकटतम हवाई अड्डा आगरा हवाई अड्डा है, जो गोकुल से लगभग 75 किमी दूर है। हवाई अड्डे से मथुरा तक टैक्सी या बस उपलब्ध है। मथुरा पहुँचने के बाद गोकुल तक सड़क मार्ग से जा सकते हैं।
- अगर आप वृंदावन में हो और गोकुल में आना चाहते हो तो आपको लगभग 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। यह दूरी 30-45 मिनट में तय की जा सकती है, ट्रैफिक के अनुसार।
- वृंदावन से गोकुल जाने के लिए भी टैक्सी, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा उपलब्ध होते हैं, लेकिन यह थोड़ा अधिक समय ले सकता है, क्योंकि रास्ते में कई छोटे दर्शनीय स्थान आते हैं।
गोकुल घूमने में कितना खर्च आएगा?
गोकुल घूमने का खर्च आप कितने दिन गोकुल में रहनेवाले हो, कहां रुकने वाले हो , गोकुल में क्या क्या गतिविधियां करने वाले हो और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। यहां एक सामान्य अनुमान दिया गया है।
गोकुल आने के लिए सबसे पहले आपको मथुरा आना होगा। मथुरा से गोकुल जाने के लिए आपको ऑटो/टेंपो: ₹100-₹200 (एक तरफ) कैब: ₹300-₹500 (एक तरफ) बस: ₹20-₹50 (लोकल बस सेवा) की लागत लग सकती है।
अगर आप धर्मशाला में रुकते हो तो आपको ₹200-₹500 प्रति रात बजट होटल में रुकते हो तो, आपको ₹800-₹1,500 प्रति रात और लक्ज़री होटल में रुकते हो तो ₹2,000-₹5,000 प्रति रात का ख़र्चा लग सकता है।
अब भोजन की बात करें तो साधारण भोजन (ढाबा/लोकल रेस्टोरेंट): ₹100-₹200 प्रति व्यक्ति थाली: ₹150-₹300 प्रति व्यक्ति विशेष भोजन (मिठाई और स्थानीय व्यंजन): ₹200-₹400 का ख़र्चा होगा।
गोकुल में दर्शन के लिए अधिकतर मंदिरों में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। आप अपने बजट के अनुसार पूजा सामग्री, प्रसाद आदि के लिए ₹50-₹300 खर्च कर सकते हैं।
गोकुल के अंदर स्थानीय यात्रा करने के लिए रिक्शा/ऑटो का ₹50-₹100 की लागत लग सकती है। पूरे गोकुल दर्शन के लिए स्थानीय गाइड ₹200-₹500 तक का चार्ज ले सकता है।
कुल मिलाकर गोकुल घूमने के लिए 1 दिन की यात्रा के लिए ₹800-₹2,500 (प्रति व्यक्ति) और 2-3 दिन की यात्रा के लिए ₹2,500-₹6,000 (प्रति व्यक्ति) का खर्चा हो सकता है।
गोकुल घूमने के लिए साथ में क्या रखें?
गोकुल एक धार्मिक स्थल है इसलिए आप अपने पास पूजा की सामग्री अवश्य रखें। इसके अलावा निम्नलिखित साधन साम्रगी अपने पास अवश्य रखें ताकि आपकी यात्रा सुखदमय साबित हो।
- अगर आप गोकुल में किसी होटल या धर्मशाला में रुके है तो होटल बुकिंग की रसीद अपने पास जरुर रखें।
- कोई पहचान पत्र आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस भी अपने पास जरुर रखें।
- पूजा सामग्री जैसे अगरबत्ती, फूल, नारियल, या प्रसाद। (हालांकि ये स्थानीय दुकानों पर आसानी से मिल जाते हैं)।
- गोकुल में घाट और मंदिरों तक जाने के लिए चलना पड़ता है, इसलिए आरामदायक और मजबूत जूते पहनें।
- यात्रा के दौरान हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी की बोतल रखें।
- छोटे मंदिरों और दुकानों पर डिजिटल पेमेंट का विकल्प नहीं हो सकता, इसलिए थोड़ा कैश साथ रखें।
- किसी भी आपात स्थिति के लिए अपने साथ दवाइयां रखें( खासतौर पर सिरदर्द, पेट दर्द या एलर्जी की दवाइयां)
- यादें संजोने के लिए कैमरा या मोबाइल जरूर साथ रखें। पावर बैंक भी साथ रखें ताकि बैटरी खत्म न हो।
निष्कर्ष
गोकुल का शांत और आध्यात्मिक वातावरण हर उम्र के लोगों को आकर्षित करता है। इस आर्टिकल में हमने आपको गोकुल में घूमने की जगह ( Gokul Me Ghumne ki Jagah), गोकुल की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको गोकुल की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।
अगर आप के पास इस आर्टिकल के सम्बंधित कोई भी सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। हम उसे जल्द की अपडेट करेंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि गोकुल जाने वालों को यह आर्टिकल उपयोगी हो सके।
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