25+वृंदावन में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah: वृंदावन का नाम सुनते ही सबके मन में भगवान कृष्ण की छबि उभरने लगती है। वृंदावन हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है और देश के सबसे पुराने शहरों में से एक है।

वृंदावन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी के तट पर स्थित एक पवित्र शहर है। वृंदावन को भगवान कृष्ण के बचपन का एक प्रमुख हिस्सा कहा जाता है। यहीं पर भगवान कृष्ण और देवी राधा की प्रेम कहानी खिली थी और गोपियों के साथ भगवान में यही पर लीला रचाई थी।

Vrindavan Ghumne Ki Jagah
Image: Vrindavan Ghumne Ki Jagah

वृंदावन मथुरा से 13 किमी की दूरी पर, आगरा से 70 किमी, दिल्ली से 155 किमी, लखनऊ से 400 किमी और जयपुर से 235 किमी दूरी पर स्थित है। साल भर असंख्य तीर्थयात्री वृंदावन में घूमने आते हैं।

अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में वृंदावन जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको वृंदावन कैसे जाएँ?, वृंदावन में कहा रुके?, वृंदावन में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Vrindavan Me Ghumne ki Jagah), वृंदावन जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

वृंदावन में घूमने की जगह | Vrindavan Me Ghumne ki Jagah

Table of Contents

वृंदावन घूमने से पहले

वृंदावन जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़े।

  • वृंदावन शहर लगभग 4,000 मंदिरों का घर है।
  • भगवान कृष्ण के एक महान भक्त चैतन्य महाप्रभु को वृंदावन की फिर से खोज करने का श्रेय दिया जाता है।
  • कहा जाता है की चैतन्य महाप्रभु ने 1515 में वृंदावन की खोज की थी।
  • वृंदावन नाम में शब्द वृंदा का अर्थ ‘तुलसी’ और वन काअर्थ ‘जंगल’ से लिया गया है।
  • पुराणों के अनुसार वृंदावन को पृथ्वी का सबसे उत्तम भाग बताया गया है साथ साथ भगवान का साक्षात शरीर बताया गया है।
  • बांके बिहारी जी की मूर्ति की आँखें इतनी अद्भुत और चमत्कारी हैं कि जो भी उनके दर्शन करता है, वह उनकी मोहिनी छवि में ऐसा बंध जाता है कि संसार त्यागने की इच्छा करने लगता है। इसी कारण, मंदिर में दर्शन के समय पर्दे को बार-बार खोला और बंद किया जाता है, ताकि भक्त अधिक समय तक उनकी सम्मोहक दृष्टि में खो न जाए।
  • सेवा कुंज को वह स्थान माना जाता है जहाँ कृष्ण ने राधा और गोपिकाओं के साथ रासलीला की थी।
  • निधिवन को वह स्थान कहा जाता है जहाँ कृष्ण ने राधा के साथ विश्राम किया था।
  • हर रात निधिवन में श्रीकृष्ण के लिए बिस्तर, पान और दातून रखा जाता है। सुबह यह सब अस्त-व्यस्त अवस्था में मिलता है, मानो स्वयं भगवान वहाँ विश्राम कर चुके हों और प्रसाद ग्रहण किया हो।
  • होली और जन्माष्टमी वृंदावन में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं। होली का त्योहार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को इस शहर की ओर आकर्षित करता है।

वृंदावन में घूमने की जगह (Vrindavan Tourist Places in Hindi)

गोविंद देव मंदिर (Govind Devji Temple)

गोविंद देव मंदिर वृंदावन के सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थानों में से एक है, जो वृंदावन रेलवे स्टेशन से 1 किमी की दूरी पर है। इस मंदिर का निर्माण 1590 में राजस्थान के आमेर के शासक राजा मान सिंह ने एक करोड़ रुपये की लागत से करवाया था।

यह एक सात मंजिला मंदिर था, जिसे 1670 में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मंदिर को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया गया था और अब केवल तीन मंजिला बची है।

Govind Dev ji Temple Vrindavan
Image : Govind Dev ji Temple Vrindavan

यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है। खंभे और स्तंभों की वजह से मंदिर काफी भव्य नजर आता है। मुख्य हॉल तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी। गोविंद देव मंदिर सुबह 8 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 4.30 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।

श्री बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple)

वृंदावन रेलवे स्टेशन से 1 किमी की दूरी पर श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर राधावल्लभ मंदिर के पास स्थित है। मंदिर के अधिष्ठाता देवता भगवान कृष्ण हैं।

इस मंदिर की मूर्ति बहुत पुरानी है और काले रंग की है। 1863 तक मूर्ति की निधिवन में पूजा की जाती थी। वर्तमान मंदिर 1864 में निम्बार्क सम्प्रदाय के स्वामी हरिदास द्वारा बनाया गया था। बाद में, राधा रानी के देवता को मंदिर में जोड़ा गया।

Banke Bihari Mandir Vridavan
Image: Banke Bihari Mandir Vridavan

इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति सामने पर्दे उठाये जाते हैं और हर कुछ मिनटों में बंद कर दिए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अधिक समय तक देखा जाए तो बांके बिहारी के तेज नेत्र भक्तों को बेहोश कर सकते हैं।

मंदिर में घंटियां या शंख नहीं हैं क्योंकि बांके बिहारी को घंटियों या शंख की आवाज पसंद नहीं है। श्री बांके बिहारी मंदिर गर्मियों में सुबह 7.45 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5.30 बजे से रात 9.30 बजे तक और सर्दियों में सुबह 8.45 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4.30 बजे से रात 8.30 बजे तक खुला रहता है।

प्रेम मंदिर (Prem Mandir, Vrindavan)

वृंदावन रेलवे स्टेशन से 2.5 किमी की दूरी पर, प्रेम मंदिर वृंदावन के बाहरी इलाके में स्थित एक धार्मिक और आध्यात्मिक परिसर है।

प्रेम मंदिर वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित नवीनतम मंदिरों में से एक है। मंदिर की संरचना आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज द्वारा स्थापित की गई थी।

जनवरी 2001 को आधारशिला रखी गई और 17 फरवरी 2012 को मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया। निर्माण की लागत लगभग 150 करोड़ रुपये थी। 54 एकड़ भूमि पर बना प्रेम मंदिर दो मंजिला है।

गर्भगृह में भूतल पर राधा – कृष्ण और पहली मंजिल पर राम – सीता की सुंदर मूर्तियाँ हैं। मंदिर की आंतरिक दीवारों को गुरु कृपालु महाराज के जीवन से संबंधित चित्रों और चित्रों से सजाया गया है।

Prem Mandir Vrindavan
Image: Prem Mandir Vrindavan

राधा कृष्ण लीला को दर्शाती दीवारों पर पूरी तरह से 80 पैनल हैं। मंदिर परिसर के चारों ओर फव्वारों के साथ एक सुंदर बगीचा है। विशाल मैदान में भगवान कृष्ण, देवी राधा और कृष्ण से जुड़े अन्य पौराणिक पात्रों की आदमकद मूर्तियां और पेंटिंग हैं।

इस मंदिर में लाइट शो के साथ म्यूजिकल फाउंटेन भी है। रंग-बिरंगी लाइटिंग और पानी से शानदार ढंग से बनाए गए पैटर्न से लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

लाइट शो का समय: शाम 7.30 बजे से रात 8 बजे तक का होता है। प्रेम मंदिर सुबह 5.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4.30 बजे से रात 8.30 बजे तक खुला रहता है।

इस्कॉन मंदिर (Sri Sri Krishna Balaram Mandir,ISKCON Vrindavan)

वृंदावन रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर, इस्कॉन मंदिर जिसे श्री कृष्ण-बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के प्रमुख इस्कॉन मंदिरों में से एक है।

इस्कॉन मंदिर वर्ष 1975 में बनाया गया था और रामनवमी के शुभ अवसर पर इसका उद्घाटन किया गया था। मंदिर की नींव इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद ने रखी थी।

Iskcon Temple Vrindavan
Image: Iskcon Temple Vrindavan

स्वामी प्रभुपाद का समाधि मंदिर भी मंदिर के सामने स्थित है। 1977 में उनके निधन के बाद, उनके शरीर को यहाँ आराम करने के लिए रखा गया था। स्वामी प्रभुपाद के घर को संग्रहालय में बदल दिया गया है।

एक गेस्ट हाउस, गोशाला, रेस्तरां और एक गुरुकुल भी यहाँ स्थित हैं। इस्कॉन मंदिर सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8.30 बजे तक खुला रहता है।

माँ वैष्णो देवी धाम (Maa Vaishno Devi Dham)

माँ वैष्णो देवी धाम का यह मंदिर वैष्णोदेवी धाम की तरह बनाया गया है। यह मंदिर प्रेम मंदिर रोड के किनारे वृन्दावन के अंत में स्थित है।

आर्टिफिशियल गुफा के अंदर माता के 9 रूपों की प्रतिमा बिराजमान है। माँ दुर्गा जी की 81 फ़ीट ऊँची मूर्ति बनाई गई है और साथ में हनुमान जी की प्रतिमा भी है। मंदिर बहुत ही साफ सुथरा और एयरकंडीशन है।

Vaishno Devi Dham Vrindavan
Image: Vaishno Devi Dham Vrindavan

पूरा मंदिर और आर्ट गैलरी देखने के लिए आपको 1 से 1.5 घंटे जितना समय लग सकता है। मंदिर में कोई भी सामान ले जाना मना है। यहाँ पर सामान रखने के लिए लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका चार्ज 20 रुपये है।

ध्यान दे : मोज़े न पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको गुफाओं के अंदर पानी में चलना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें : 15+मथुरा में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

सेवा कुंज (Seva Kunj)

वृन्दावन में सेवा कुंज एक पवित्र उद्यान है। भगवान कृष्ण ने अपना बचपन यहीं बिताया था इसलिए यह स्थान भगवान कृष्ण के हृदय के करीब है। सेवा कुंज को “निकुंज” वन के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है की यहीं पर भगवान कृष्ण ने राधा के साथ रास लीला की थी। यहाँ पर शांतिपूर्ण वातावरण, प्राचीन पेड़ और आध्यात्मिक ऊर्जा आपके मन को एक अलग ही ताजगी प्रदान आपके मन को एक अलग ही ताजगी प्रदान करेंगी।

Seva Kunj Vrindavan
Image: Seva Kunj Vrindavan

इस मंदिर में राधा कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति है। यहां एक कुंड भी है जिसे ललिता कुंड के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर रात भगवान कृष्ण और राधा रानी इस स्थान पर आते हैं। इसलिए यह जगह शाम के बाद पूरी तरह से बंद कर दी जाती है।

सेवा कुंज मंदिर को हर रात सजाया जाता है और एक रात के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं यहां रखी जाती हैं। सेवा कुंज मंदिर का समय सुबह 08:00 बजे से शाम 07:30 बजे तक खुला रहता है। मंदिर सुबह 11:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक बंद रहता है।

केशी घाट, वृन्दावन (Keshi Ghat)

केशी घाट भारत के उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में यमुना नदी के तट पर एक प्रसिद्ध घाट हैं। केशी घाट के बारे में मान्यता है कि यहीं पर भगवान कृष्ण ने राक्षस केसी को मारने के बाद स्नान किया था।

इस घाट का निर्माण 17वीं शताब्दी में भरतपुर की रानी लक्ष्मी देवी ने राजस्थानी स्थापत्य शैली में करवाया था। घाट पर बहुत सारे मंदिर हैं। यह 24 घंटे खुला रहता है, लेकिन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक इसका दौरा करना सबसे अच्छा है।

Kesi Ghat Vrindavan
Image: Kesi Ghat Vrindavan

प्रतिदिन शाम यहाँ पर 6 बजे विद्वान पंडितों द्वारा मां यमुना की जय-जयकार करते हुए विधि-विधान से आरती की जाती है। जब वृन्दावन में मंदिर बंद होते हैं तो समय बिताने के लिए यह उत्तम स्थान है।

आप यहां नौकायन का आनंद ले सकते हैं। बोटिंग के लिए पूरी नाव की कीमत लगभग 300 – 400 रुपये है, इससे अधिक न दें।
नाव की सवारी के दौरान आप सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद ले सकते हैं।

कुसुम सरोवर ( Kusum Sarovar Vrindavan)

तालाब का नाम कुसुम नामक एक चरवाहे लड़की के नाम पर रखा गया है जो राधा और कृष्ण के लिए फूल इकट्ठा करती थी। ऐसा माना जाता है कि कृष्ण और उनके दोस्त अपने बचपन के दिनों में कुसुम सरोवर के पानी में खेला करते थे।

यह सरोवर 450 फीट लंबा और 60 फीट गहरा है, जिसे 17वीं शताब्दी में बुंदेला राजा वीर सिंह देव ने बनवाया था। इसके बाद राजा सूरजमल ने इसका जीर्णोद्धार किया।

Kusum Sarovar Vrindavan
Image: Kusum Sarovar Vrindavan

कुसुम सरोवर राधा कुंड और गोवर्धन पर्वत के बीच स्थित है। यह बहुत शांतिपूर्ण और सुंदर झील है। आप वहां उपलब्ध ई-रिक्शा टुकटुक लेकर यहां पहुंच सकते हैं या आप लगभग 1.5 किमी पैदल चल सकते हैं। कुसुम सरोवर 24 घंटे खुला रहता है। कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

कात्यायनी पीठ (Katyayani Peeth)

कात्यायनी पीठ स्थान 51 शक्तिपीठों में से एक है, यहां माँ सती के बाल गिरे थे। कात्यायनी विष्णु की योगमाया शक्ति हैं, जिन्हें उन्होंने नंद और यशोदा की बेटी के रूप में जन्म लेने का आदेश दिया था।

यह निधिवन और रंगजी मंदिर के करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह साफ़ सुथरी है और मंदिर के अंदर फोटो खींचने की अनुमति नहीं है।

Katyayni Peeth Vrindavan
Image: Katyayni Peeth Vrindavan

मंदिर खुलने का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक और शाम को 5-30 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। यह निधिवन और रंगजी मंदिर के करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

मंदिर में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है, इसलिए कोई भी आसानी से अपने वाहन के साथ जा सकता है। दोपहर के समय आपको मंदिर में प्रसाद भोजन मिलेगा जो बहुत स्वादिष्ट होता है। यहाँ बन्दर से सावधान रहे।

गोपेश्वर महादेव मंदिर (Gopishwar Mahadev Temple, Vrindavan)

गोपेश्वर महादेव मंदिर 5000 साल पुराना है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक बार भगवान शंकर को गोपियों की रासलीला देखने की चाह हुई थी। लेकिन वहां पर श्रीकृष्ण के सिवा किसी भी मर्द को जाने की अनुमती नही थी।

तब भगवान शंकर ने रासलीला देखने के लिए गोपी का रूप धारण किया था। जिस जगह पर भगवान शंकर गोपी बने उस जगह को गोपेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है। भारत का यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर शिवलिंग को स्त्री रूप में सजाया जाता है।

Gopishwar Mahadev Temple, Vrindavan
Image: Gopishwar Mahadev Temple, Vrindavan

ऐसा कहा जाता है की अगर आप इस मंदिर में दर्शन करते है तभी आपकी वृंदावन यात्रा पूरी मानी जाती है। गोपेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

गोपेश्वर महादेव मंदिर सुबह 4:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और फिर शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। मंगला आरती का समय प्रातः 4:00 बजे है।

अक्षय पात्र (Akshaya Patra)

अक्षय पात्र मंदिर भगवान राधा कृष्ण को समर्पित है। ‘अक्षय’ का अर्थ है ‘कभी न ख़त्म होने वाला’ और पात्र का अर्थ है ‘एक पात्र’।अक्षय पात्र मंदिर दोपहर 1 बजे तक खुला रहता है।

यह मंदिर वृन्दावन के बाहरी इलाके में स्थित है और इस्कॉन मंदिर के पास एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां गरीब बच्चों को खाना खिलाने की योजना भी शुरू की गई है।

Akshaya Patra Vrindavan
Image: Akshaya Patra Vrindavan

यह मंदिर भगवान कृष्ण के चरण कमलों की याद दिलाते हुए खिलते हुए कमल के रूप में बनाया गया है। देवताओं की वेदी मंदिर के अंदर पहली मंजिल पर स्थित है।

वेदी पर सफेद संगमरमर से बनी राधा और कृष्ण की सुंदर मूर्तियाँ खड़ी हैं। इस में बहुत अच्छा छोटा ओपन एयर थिएटर है।

राधा दामोदर मंदिर (Shri Radha Damodar Mandir)

राधा दामोदर मंदिर करीब 500 साल पुराना है। 16वीं शताब्दी में गौड़ीय वैष्णव परंपरा के एक प्रमुख व्यक्ति श्रील जीवा गोस्वामी द्वारा स्थापित, यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है।

किवदंती है कि सनातन गोस्वामी नित्य गिरिराज की परिक्रमा करते थे। वृद्धावस्था में उनकी असमर्थता को देखकर भगवान ने बालक रूप में प्रकट होकर उन्हें डेढ़ हाथ लंबी वट पत्राकार श्याम रंग की गिरिराज शिला दी।

उस पर भगवान के चरण चिन्ह के साथ ही गाय के खुर का भी चिन्ह है। भगवान ने गोस्वामीजी को आदेश दिया कि अब वह वृद्धावस्था में गिरिराज पर्वत की बजाय इसी शिला की परिक्रमा कर लिया करें।

Shri Radha Damodar Mandir
Image: Shri Radha Damodar Mandir

उनके शरीर त्यागने के बाद शिला इसी मंदिर में स्थापित कर दी गई और तब से श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर की चार परिक्रमाएं लगाए जाने की परंपरा चल पड़ी।

मंदिर में स्थापित गिरिराज शिला का भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि इसकी चार बार परिक्रमा कर लेने से गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा का पुण्य मिलता है।

दोपहर में यह मंदिर बंद होता है और शाम 5 बजे खुलता है। यहाँ कार्तिक मास, पुरुषोत्तम मास, श्रीरूप गोस्वामी एवं श्रीजीव गोस्वामी तिरोभाव उत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, श्रीराधाष्टमी गोवर्धन पूजा आदि बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

श्री राधा मदन मोहन मंदिर (Madan Mohan Temple)

राधा मदन मोहन जी मंदिर सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से 16वीं शताब्दी की शुरुआत में भगवान चैतन्य महाप्रभु के एक शिष्य सनातन गोस्वामी ने राम दास कपूर नामक एक धनी व्यापारी की सहायता से किया था।

Sri Madan Mohan ji Vrindavan
Image: Sri Madan Mohan ji Vrindavan

यह मंदिर 5000 साल पुराना है और वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। यमुना नदी के पास एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित, यह मंदिर 50 फीट ऊंचा मंदिर है, जो श्री कृष्ण के साथ श्री राधा और ललिता सखी को समर्पित है।

यह मंदिर वृन्दावन परिक्रमा मार्ग और श्री बांके बिहारी जी मंदिर के पीछे की ओर स्थित है। यह मंदिर सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

पागल बाबा मंदिर (Shri Pagal Baba Temple)

पागल बाबा मंदिर एक समाधी स्थल है। पागल बाबा का असली नाम श्री श्यामदास जी महाराज था, लेकिन वे कृष्ण प्रेम में इतने लीन रहते थे कि लोग उन्हें “पागल बाबा” कहने लगे।। पागल बाबाजी के भक्तों द्वारा इस मंदिर परिसर का विकास किया गया है।

Shri Pagal Baba Temple, Vrindavan
Image: Shri Pagal Baba Temple, Vrindavan

11 मंजिला सफेद संगमरमर का यह मंदिर, जो वृन्दावन का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर के अंदर वातावरण शांत है, भक्ति मंत्रों की ध्वनि और हवा में धूप की सुगंध भर रही है।

निधिवन (Nidhivan)

निधिवन वृंदावन का एक पवित्र, अद्भुत और रहस्यमयी स्थल है, जो भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां आकर एक अद्वितीय अध्यात्मिक अनुभव होता है। निधिवन बांके बिहारी जी मंदिर से 2 किमी दूर है। निधिवन दोपहर के समय भी खुला रहता है।

Nidhivan Vrindavan
Image: Nidhivan Vrindavan

यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के लीलाओं का गवाह है। यहां मान्यता है कि रात के समय निधिवन में भगवान कृष्ण गोपियों के साथ रास लीला करते हैं, और इस दौरान यहां कोई भी व्यक्ति रुक नहीं सकता।

यह भी कहा जाता है की इस स्थान पर मौजूद ‘रंग महल’ में भगवान कृष्ण और राधा रानी रात में विश्राम करते हैं।

यह भी पढ़ें : 15+गोकुल में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

गोवर्धन पहाड़ी (Govardhan Hill)

गोवर्धन पर्वत को गिरीराज पर्वत भी कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गोकुल वासियों को बचाने के लिए इस पर्वत को अपनी तर्जनी ऊँगली पर उठाया था।

गोवर्धन पर्वत की चारों और कई प्राचीन मंदिर और स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े हुए है। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कुल 21 किलोमीटर की होती है।

Govardhan Hill
Image: Govardhan Hill

गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा आप चलकर और रिक्शा में बैठकर भी कर सकते है। यह पूरी परिक्रमा पूरा करने में लगभग 5-6 घंटे लगते हैं। परिक्रमा को कभी भी अधूरा न छोड़े।

परिक्रमा के मार्ग में राधा कुंड, श्यामा कुंड, दान घाटी मंदिर, मुखारविंद, कुसुमा सरोवर, ऋणमोचन और पुचारी जैसे स्थल शामिल हैं।

श्री रंगनाथ मंदिर (Sri Ranganath Temple)

श्री रंगनाथ मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना सुंदर मंदिर है। श्री रंगनाथ मंदिर की स्थापना वर्ष 1851 में हुई थी। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर का वातावरण बहुत ही शांत और भक्तिमय है।

यह मंदिर सोने के खंभे के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर को बनाने में उस समय पर लगभग 45 लाख रुपये का खर्च किया गया था।

Rangnath Mandir (Shri Rangji Mandir) Vrindavan
Rangnath Mandir (Shri Rangji Mandir) Vrindavan

इस मंदिर के गर्भगृह तक जाने के लिए कुल सात दरवाजे है। इसमें से एक दरवाजा साल में एक बार वैकुंठ एकादशी के दिन ही खुलता है। इसे “स्वर्ग का दरवाजा” कहा जाता है। मंदिर में शीश महल भी है जिसे देखने का लागत सिर्फ 5 रुपये है।

यह मंदिर सुबह 5:30 बजे से सुबह 12 बजे तक और शाम 4:00 बजे से शाम 9:00 बजे तक खुला रहता है। यहाँ पर प्रवेश निशुल्क है।

कालियादेह घाट (Kaliya Dah Ghat)

कालियादेह घाट वह जगह है, जहाँ पर श्रीकृष्ण ने जहरीले सांप कालिया नाग को वश में किया था। वृन्दावन में घूमने के लिए एक सर्वोत्तम स्थान है।

ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान कृष्ण किसी व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को वश में करते हैं। मंदिर का वातावरण एकदम शांत और सुरम्य है।

Ancient Kaliya Dah Ghat, Vrindavan
Image: Ancient Kaliya Dah Ghat, Vrindavan

इस मंदिर की स्थापत्य शैली पारंपरिक हिंदू मंदिर जैसी है। मंदिर के अंदर भगवान कृष्ण के कारनामों का चित्रण है। जन्माष्टमी त्यौहार के दौरान इस मंदिर का एक अलग ही महत्व होता है।

यहाँ पर मौजूद केलि-कदम्ब वृक्ष की लोग प्रदक्षिणा करते है। केलि-कदम्ब वह वृक्ष है जहां भगवान श्री कृष्ण गेंद लेने के बहाने वृक्ष पर चढ़े थे।

शाहजी टेम्पल, वृन्दावन (Shahji Temple, Vrindavan)

वृन्दावन में शाहजी मंदिर छोटे राधा रमण के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर को 19वीं सदी के मध्य में लखनऊ के धनी व्यापारी शाह कुंदन लाल द्वारा बनाया गया था।

Shahji Temple Vrindavan
Image: Shahji Temple Vrindavan

इस मंदिर का खास आकर्षण उनके 12 सर्पिल स्तंभ हैं, जिन्हें “मुड़े हुए स्तंभ” के रूप में जाना जाता है। 15 फीट से अधिक ऊंचे यह स्तंभ सफेद संगमरमर से बने हैं।

यह मंदिर निधिवन के पास ही स्थित है। मंदिर की एक और खास विशेषता बसंती कामरा हॉल है। इसमें बेल्जियम के कांच के झूमर और भगवान कृष्ण के जीवन की कहानियों को दर्शाने वाली पेंटिंग हैं।

यह मंदिर सुबह 8:30 बजे से सुबह 11 बजे तक और शाम 5:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक खुला रहता है।

श्री प्रियकांत जू टेम्पल, वृन्दावन (Shri Priyakant Ju Temple, Vrindavan)

श्री प्रियकांत जू टेम्पल हिंदू मंदिर राधा कृष्ण का है। इस मंदिर का आकार कमल जैसा है। यह मंदिर करीब 125 फीट ऊंचा है। यहां ठहरने की भी सुविधा है और प्रसाद (भोजन) भी है।

इसका निर्माण प्रसिद्ध भागवत कथाचार्य पंडित देवकीनंदन ठाकुर जी ट्रस्ट द्वारा किया गया था। यह मंदिर राधा कृष्ण को समर्पित है। राधारानी प्रिया जी के रूप में हैं और श्री कृष्ण कांत जू के रूप में हैं।

Shri Priyakant Ju Temple, Vrindavan
Image: Shri Priyakant Ju Temple, Vrindavan

मंदिर के चारों ओर प्रचलित भगवान गणेश, हनुमान, भगवान शिव और निम्बार्क भगवान के मंदिर बने हैं। मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का प्रारूप है। यह मंदिर करीब 125 फीट ऊंचा है।

यह मंदिर प्रातः 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और सायं 4:30 बजे से 8:30 बजे तक दर्शनार्थ खुला रहता है। रात के समय इस मंदिर की शोभा और भी बढ़ जाती है।

जगन्नाथ मंदिर (Shri Jagannath Temple, Vrindavan)

जगन्नाथ जी का मंदिर परिक्रमा मार्ग पर यमुना नदी के तट पर स्थित है। जगन्नाथ जी मंदिर का स्थापत्य और डिजाइन पारंपरिक उड़ीसा शैली में है।

यह मंदिर 550 वर्ष पुराना है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के जो विग्रह विराजित हैं, वे पुरी के मूल विग्रह हैं। संत हरिदास भगवान श्रीकृष्ण की साधना करके पूरी से भगवान के विग्रह वृंदावन लाये थे।

Shri Jagannath Temple, Vrindavan
Image: Shri Jagannath Temple, Vrindavan

मंदिर के पास जगन्नाथ रसोई है, जहां 20 रुपये में स्वादिष्ट और सात्विक खाना मिलता है। मंदिर के खुलने का समय सुबह: 5:00 AM से 12:00 PM और शाम को 4:00 PM से 9:00 PM तक का है।

चीर घाट (Chir Ghat)

चीर घाट वृंदावन में यमुना नदी के किनारे स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। कहा जाता है कि इसी जगह श्रीकृष्ण ने गोपियों की चीर (वस्त्र) को एक पेड़ पर रख दिया था।

Chir Ghat
Image: Chir Ghat

चीर घाट वृंदावन के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है और यहां पर कृष्ण भक्ति से संबंधित आयोजन और कीर्तन भी होते हैं। यह स्थान कृष्ण प्रेमियों के लिए अद्वितीय आकर्षण का केंद्र है।

चंद्रोदय मंदिर (Vrindavan Chandrodaya Mandir)

चंद्रोदय मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यह विश्व का सबसे ऊंचा धार्मिक मंदिर है। चंद्रोदय मंदिर लगभग 700 फीट ऊंचा है।

इस मंदिर को इस्कॉन द्वारा स्थापित किया गया है। इसके निर्माण में ग्लास, स्टील और कंक्रीट का उपयोग किया गया है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को 3D एनिमेशन और वर्चुअल रियलिटी (VR) के माध्यम से दिखाया जाएगा।

Vrindavan Chandrodaya Mandir
Image: Vrindavan Chandrodaya Mandir

इस भव्य मंदिर की आधारशिला 2014 में रखी गई थी और इसे पूरा होने में अनुमानतः 2027 तक का समय लग सकता है। चंद्रोदय मंदिर के अंदर थीम पार्क, फव्वारे, झीलें, लाइट और साउंड शो, सांस्कृतिक केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।

श्री कृष्ण प्रणामी परमधाम काँच मंदिर (Shri Krishna Pranami Paramdham)

कांच मंदिर की स्थापना श्रीकृष्ण के सच्चे प्रेम और अद्वैत भक्त महामति प्राणनाथ जी ने की थी। कांच मंदिर श्रीकृष्ण और राधारानी को समर्पित है। यह मंदिर मथुरा वृन्दावन के मार्ग पर पड़ता है।

इस मंदिर की दीवारों, छत और स्तंभों पर कांच की बारीक नक्काशी और सजावट की गई है। जब सूर्य की रोशनी मंदिर के काँच पर पड़ती है, तो पूरा मंदिर इंद्रधनुषी रंगों से जगमगा उठता है।

Shri Krishna Pranami Paramdham (Glass Temple), Vrindavan
Image: Shri Krishna Pranami Paramdham (Glass Temple), Vrindavan

मंदिर खुलने का समय सुबह: 5:00 AM से 12:00 PM तक और शाम को 4:00 PM से 9:00 PM बजे तक का रहता है।

जयपुर मंदिर (Jaipur Temple, Vrindavan)

वृंदावन का एक भव्य और ऐतिहासिक जयपुर मंदिर, जिसे लाल मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान श्री राधा-कृष्ण को समर्पित है।

साल 1917 में इस मंदिर का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने करवाया था। यह मंदिर जयपुर की वास्तुकला शैली और लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित है।

Jaipur Temple, Vrindavan
Image: Jaipur Temple, Vrindavan

मंदिर के अंदर का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है। मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 AM से 12:00 PM बजे तक का और शाम को 4:00 PM से 9:00 PM बजे तक का रहता है।

गोदा विहार मंदिर (Shri Dham Goda Vihar Temple)

श्री रंगनाथ भगवान और उनकी परम भक्त गोडा देवी (आंडाल) को समर्पित यह मंदिर वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिरों के पास है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बनवाया गया है। यह मंदिर वृंदावन में गोपेश्वर मंदिर के पास स्थित है।

Shri Dham Goda Vihar Temple, Vrindavan
Image: Shri Dham Goda Vihar Temple, Vrindavan

मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशालकाय प्रतिमा भी रखी हुई है। इस मंदिर में लगभग 400 जितनी मूर्तियां है।

मंदिर खुलने और बंद होने का समय सुबह 6:00 AM से 12:00 PM बजे तक का और शाम 4:00 PM से 8:00 PM बजे तक का रहता है।

वृंदावन मंदिर लिस्ट (Vrindavan Ke Mandir List in Hindi)

वृंदावन में करीब नए पुराने छोटे मोटे करीब 5000 जितने मंदिर है। वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर की लिस्ट निम्लिखित है।

  • मदन मोहन मंदिर
  • बांके बिहारी मंदिर
  • पागल बाबा मंदिर
  • श्री राधा वल्लभ मंदिर
  • राधा दामोदर मंदिर
  • प्रेम मंदिर
  • निधिवन मंदिर एवं रंग महल
  • गोविन्द देव जी मंदिर
  • कृष्ण बलराम (ISKCON) मंदिर
  • कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर
  • राधा रमण मंदिर
  • रंग जी मंदिर
  • श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर
  • गीता मंदिर
  • प्रियकांत जू मंदिर
  • माता वैष्णों देवी मंदिर
  • चीर घाट
  • गोपेश्वर महादेव मंदिर
  • शाहजी मंदिर
  • जयपुर मंदिर
  • भूतेश्वर महादेव मंदिर

वृदावन में करने के लिए मुख्य 7 चीजें (Things To Do In Vrindavan)

भारत के वृंदावन में करने के लिए अनगिनत चीजें हैं, जो शायद आप कभी नहीं जानते होंगे। लेकिन जब आप वृंदावन की विजिट करें तो इन 7 चीजें को अवश्य करें।

  • 1. वृंदावन की परिक्रमा करना।
  • 2. होली का त्योहार मनाना।
  • 3. ब्रह्मोत्सवम महोत्सव को देखना और उस में हिस्सा लेना।
  • 4. बांके बिहारी के दर्शन करना।
  • 5. स्वादिष्ट पेड़े का आनंद लेना।
  • 6. इस्कॉन वृंदावन के कीर्तन में खो जाना।
  • 7. रासलीला का साक्षी स्थल निधि वन में घूमना।

वृंदावन में लोकप्रिय स्थानीय भोजन

  • वृंदावन एक धार्मिक स्थल है, इसलिए यहाँ शुद्ध शाकाहारी और बिना लहसुन-प्याज के भोजन मिलता है।
  • वृंदावन में सुबह के नाश्ते के लिए सबसे लोकप्रिय भोजन आलू-पूड़ी और कचौरी सब्जी है।
  • मालपुआ वृंदावन की एक पारंपरिक मिठाई है। इसे दूध, मैदा और चीनी से बनाया जाता है और फिर घी में तला जाता है।
  • वृंदावन में आप मथुरा के पेड़े, माखन मिश्री, मलाईदार रबड़ी और मिट्टी के कुल्हड़ में ठंडी लस्सी का स्वाद जरूर लीजिये।
  • ब्रज क्षेत्र का लोकप्रिय भोजन दाल-बाटी-चूरमा को भी एक बार जरूर खाएं।
  • मीठा श्रीखंड और वृंदावन का खास गुलकंद भरा पान चखना न भूलें।

वृंदावन घूमने का सही समय (Best Time To Visit Vridavan)

वैसे तो वृंदावन घुमने के लिए वृंदावन कभी भी जा सकते है लेकिन यहां पर हमने आपको वृंदावन घुमने का सही समय ( best time to visit Vrindavan) के बारे में बताया है।

सर्दी (अक्टूबर-मार्च) वृंदावन घूमने के लिए यह एकदम सही समय सर्दी का मौसम है। सर्दी के मौसम में यहाँ धुंध भरे दिन और ठंडी रातों का एक सुंदर आकर्षण होता है। अगर आप वृन्दावन में होली के त्योहार का आनंद लेना चाहते हैं तो इस मौसम में घूमने का प्लान बना सकते हो।

अप्रैल से जून के दौरान यहाँ पर गर्मियों का मौसम होता है। उस समय तापमान 30°C – 45°C होता है। गर्मी की वजह से आपको दोपहर में यात्रा करने में दिक्कतें आ सकती है। धुप से बचने के लिए आप सुबह जल्दी यात्रा शुरू करें।

जुलाई सितंबर में यहाँ पर बारिश का मौसम होता है। मोनसून के दौरान यहाँ पर चारों और हरियाली छा जाती है। हल्की बारिश से मौसम सुहावना हो सकता है, लेकिन अधिक वर्षा से सड़कों पर फिसलन हो सकती है।

वृंदावन कैसे जाएं?

वृंदावन भारत देश का एक धार्मिक स्थल है। आप यहाँ पर सड़क मार्ग, रोड मार्ग और हवाई मार्ग के जरिये आसानी से पहुंच सकते हो। आप अपने बजट और समय के अनुसार यहाँ पर आने के लिए कोई एक विकल्प पसंद कर सकते हो हालाँकि रेलमार्ग के जरिये आप कम बजट में और आसानी से वृंदावन पहुँच सकते हो।

सड़क मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?

वृंदावन मथुरा, आगरा, जयपुर, लखनऊ, दिल्ली, इंदौर और इलाहाबाद के साथ सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप बस, कैब, टैक्सी के माध्यम से वृंदावन पहुंच सकते हो।

अन्य प्रमुख शहरों से वृंदावन शहर दूरी (किमी)

शहरदूरी (किमी)अनुमानित समयप्रमुख मार्ग
दिल्ली 160 किमी3-4 घंटेयमुना एक्सप्रेसवे
आगरा75 किमी1.5-2 घंटेयमुना एक्सप्रेसवे
जयपुर230 किमी 4-5 घंटेNH-21, भरतपुर
लखनऊ380 किमी5-6 घंटेआगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
कानपुर350 किमी5-6 घंटेNH-19, यमुना एक्सप्रेसवे
ग्वालियर180 किमी3-4 घंटेNH-44

रेल मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?

आप वृंदावन रेल मार्ग से जाना चाहते हो, तो आपको बता दें की वृंदावन के पास कोई बड़ा रेलवे स्टेशन नहीं है। मथुरा जंक्शन वृंदावन का सबसे नजदीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 13 किमी दूर है।

मथुरा जंक्शन भारत के सभी प्रमुख शहरों दिल्ली, आगरा, मुंबई, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ आदि से सीधा जुड़ा हुआ है। मथुरा जंक्शन से वृंदावन पहुँचने के लिए आप ऑटो-रिक्शा (₹100-₹200 रुपये), ई-रिक्शा (₹100- रुपये), कैब/टैक्सी (₹300-₹500 रुपये) और बस इनमें से कोई एक विकल्प पसंद कर सकते हो।

हवाई मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?

अगर आप हवाई मार्ग से वृंदावन पहुँचना चाहते हो, तो आपको पास दो विकल्प है।

  • आगरा हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, जो वृंदावन से 70 किमी दूर है।
  • इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली जो वृंदावन से 150 किमी दूर है।

आप आगरा या फिर दिल्ली पहुंचकर कैब, बस और टैक्सी के जरिये वृंदावन पहुँच सकते हो।

वृंदावन में रुकने की जगह

वृंदावन शहर धार्मिक और पर्यटक दृष्टि से लोकप्रिय है। हर साल यहाँ पर लाखों भक्त दर्शन के लिए आते है। इसलिए यहां ठहरने की सुविधाएं काफी अच्छी हैं।

यहाँ पर रुकने के लिए आपको हर प्रकार के बजट और सुविधा के अनुरूप होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएँ मिल जाएँगी। धर्मशालाएँ और आश्रम के लिए आपको लगभग 500 से 1000 रुपये प्रतिरात का खर्चा लग सकता है। होटल और रिसोर्ट के लिए आपको लगभग 3000 से 5000 रुपये प्रतिरात लागत लगेगी।

वृंदावन में लोकप्रिय धर्मशालाएँ और आश्रम

  • इस्कॉन भक्त निवास
  • बांके बिहारी धर्मशाला
  • प्रेम मंदिर धर्मशाला
  • गौड़ीय मठ आश्रम

वृंदावन में लोकप्रिय होटल और रिसोर्ट

  • निधिवन सरोवर पोर्टिको
  • होटल बसंत रेजीडेंसी
  • होटल वृंदावन गार्डन
  • आनंदम क्लार्क्स इन
  • मंगलम ग्रैंड होटल
  • कृष्णा रेजीडेंसी

वृंदावन में कैसे घूमे?

वृंदावन एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहाँ पर मंदिर और घाटों की संख्या ज्यादा है। साथ साथ वृंदावन की गलियां भी काफी संकरी है। वृंदावन में कई घूमने की जगह पास पास है आप वह पर पैदल ही घूम सकते हो।

शहर के भीतर यात्रा के लिए ऑटो और ई-रिक्शा सबसे सुविधाजनक साधन हैं। छोटे रास्तों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में साइकिल रिक्शा के जरिये भी घूम सकते हो। ओला/उबर या स्थानीय कैब की सेवा भी वृंदावन घूमने के लिए उपलब्ध हैं।

वृंदावन में कई जगह बाइक और साइकिल किराए पर मिलती हैं, जिससे आप अपनी सुविधा के अनुसार घूम सकते हैं।

वृंदावन घूमने का खर्चा

वृंदावन जाने का खर्चा (Vrindavan jane ka kharcha) आपके प्रवास के समय, रुकने की जगह, आप वहां पर कैसा खाना खाते है?, आप वृंदावन कैसे पहुँचते है और वहां क्या गतिविधियां करते है उस पर निर्भर करता है। यहाँ एक सामान्य विवरण है।

1. रुकने का खर्चा

वृंदावन में आप अगर किसी सामान्य धर्मशाला में या फिर हॉस्टल में रहते है तो आपको प्रति रात्रि ₹500-₹1,500 तक देना होता है। 2-3 सितारा होटल या आरामदायक गेस्टहाउस के लिए प्रति रात्रि ₹2,000-₹4,000 औरहाई-एंड होटल और रिसॉर्ट्स के लिए ₹5,000 और उससे अधिक का चार्ज होता है।

2. भोजन का खर्चा

वृंदावन में स्ट्रीट फूड और स्थानीय भोजनालय में अगर आप खाना खाते हो तो आपको ₹200-₹500 प्रति दिन का खर्चा हो सकता है। वृन्दावन छोटे भोजनालयों, मंदिरों और सड़क के स्टालों पर सस्ता शाकाहारी भोजन आपको मिल जायेगा।

मध्य-श्रेणी के रेस्तरां के लिए ₹500-₹1,000 प्रति दिन और हाई-एंड डाइनिंग, महंगे रेस्तरां में प्रति दिन ₹1,500-₹3,000 का खर्चा हो सकता है।

3. परिवहन

वृन्दावन के भीतर साइकिल रिक्शा, ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा मुख्य विकल्प हैं, जिनकी कीमत प्रति सवारी ₹20-₹100 है।
दिल्ली से वृन्दावन: दिल्ली से ट्रेन और बसों का किराया ₹200-₹500 है; निजी टैक्सियाँ लगभग ₹2,500-₹3,500 हैं।

4. गतिविधियाँ और दर्शनीय स्थल

वृंदावन में अधिकांश मंदिरों में प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन दान के विकल्प खुले है।अगर आप स्थानीय गाइड रखना चाहते हो तो आपको ₹500-₹1,500 का खर्चा हो सकता है। यमुना नदी पर नाव की सवारी के लिए आपको ₹100-₹300 प्रति व्यक्ति चार्ज लग सकता है।

5. अतिरिक्त खर्च

अगर आप वहां पर खरीदारी करते है जैसे मोती, मूर्तियाँ, कपड़े तो आपका बजट बढ़ भी सकता है। मंदिरों में चढ़ावा या विशेष पूजा के लिए भी आपको पैसे चुकाने पड़ते है।


औसत दैनिक बजट (प्रति व्यक्ति)

बजट यात्रा: ₹800-₹2,000
मध्य यात्रा: ₹2,500-₹5,000
लक्ज़रीअस
यात्रा: ₹6,000 और अधिक

जरुरी टिप्स

  • कम आवास कीमतों के लिए ऑफ-सीज़न (गर्मी के महीनों) के दौरान यात्रा करें।
  • ट्रेन टिकट जल्दी बुक करें क्योंकि वृन्दावन एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है।
  • जहां संभव हो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, और अधिक किफायती भोजन के लिए स्थानीय भोजनालयों में खाने का प्रयास करें।

वृंदावन घूमते समय साथ में क्या रखें?

  • फ़ोन और चार्जर
  • आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड
  • प्रार्थना माला
  • भजन पुस्तक या आध्यात्मिक पाठ
  • व्यक्तिगत दवा
  • पानी की बोतल
  • सनस्क्रीन और लिप बाम
  • बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
  • धूप का चश्मा और टोपी ( खासकर गर्म मौसम के दौरान )
  • सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
  • कैमरा
  • छोटा बैग या बैकपैक( मंदिर दर्शन और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान आवश्यक सामान आराम से ले जाने के लिए)
  • नोटबुक और पेन
  • आरामदायक जूते

FAQ

वृंदावन में कौन से मंदिर प्रसिद्ध है?

रंगाजी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गोविंद देव मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, मदन मोहन मंदिर, राधा वल्लभ मंदिर, निधिवन मंदिर, गोपेश्वर महादेव मंदिर और पागल बाबा मंदिर लोकप्रिय और सबसे अधिक देखे जाने वाले वृंदावन मंदिर हैं।

वृंदावन के लिए कौन सा महीना सबसे अच्छा है?

वृंदावन यात्रा करने के लिए सबसे अच्छे महीने सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, फरवरी और मार्च हैं।

वृंदावन जाने के लिए कितने पैसे चाहिए?

अगर आप बजट यात्रा करने चाहते हो तो वृंदावन घूमने के लिए आपको एक दिन के लिए 800 से 1000 रुपये की जरुरत पड़ सकती है। अगर आप वृंदावन में लक्ज़रीअस यात्रा करना चाहते हो तो आपको दिन के 3000 से 4000 रूपये की जरूर पड़ सकती है।

वृंदावन घूमने में कितने दिन लगते हैं?

वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्रों को देखने के लिए सामान्यतः 1 से 3 दिन का समय पर्याप्त होता है।

क्या हम 1 दिन में वृंदावन घूम सकते है?

अगर आपके पास केवल 1 दिन है, तो आप वृंदावन के प्रमुख मंदिर जैसे बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, निधिवन, गोपेश्वर महादेव मंदिर और यमुना घाट और आरती के दर्शन जरूर करें।

निष्कर्ष

वृंदावन में घूमने से स्वर्ग की अनुभूति होती है। इस आर्टिकल में हमने आपको वृंदावन में घूमने की जगह ( Vrindavan Me Ghumne ki Jagah), वृंदावन की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको वृंदावन की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।

अगर आप के पास इस आर्टिकल के सम्बंधित कोई भी सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। हम उसे जल्द की अपडेट करेंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि वृंदावन जाने वालों को यह आर्टिकल उपयोगी हो सके।

यह भी पढ़ें :

15+पुष्कर में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, जाने का समय और खर्चा

15+उज्जैन में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

15+प्रयागराज में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

25+रामेश्वरम में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

Leave a Comment