15+उज्जैन में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

Ujjain me ghumne ki jagah : उज्जैन मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन शहर और हिंदुओं के लिए उच्च धार्मिक स्थल है। शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन में हर 12 साल में कुंभ मेला आयोजित होता है। 

अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में उज्जैन जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको उज्जैन कैसे जाएँ?, उज्जैन में कहा रुके?, उज्जैन में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Ujjain Me Ghumne ki Jagah), उज्जैन जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

उज्जैन में घूमने की जगह | Ujjain Me Ghumne ki Jagah

उज्जैन घूमने से पहले

उज्जैन जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़े।

  • उज्जैन में चौथी शताब्दी में बौद्ध धर्म फला-फूला था।
  • महाकालेश्वर मंदिर में हर साल 1.5 करोड़ से भी ज़्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है।

उज्जैन में घूमने की जगह (Ujjain Tourist Places in Hindi)

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple)

महाकालेश्वर मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शिवलिंग का मुख दक्षिण दिशा की ओर है और दक्षिण दिशा काल की दिशा है, इसीलिए इसे महाकाल कहा जाता है।

इस मंदिर में सुबह-सुबह होने वाली भस्म आरती आपको एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगी। महाकाल मंदिर में अलग-अलग प्रकार के दर्शन और पूजा की व्यवस्था निम्नलिखित है।

सामान्य दर्शन – मंदिर में लाइन लगाकर आप सामान्य दर्शन कर सकते हो। यह निःशुल्क दर्शन है।

VIP दर्शन –यहां एक वीआईपी दर्शन काउंटर है जहां कोई प्रति व्यक्ति 250 रुपये का भुगतान करके शीगरा दर्शन टिकट खरीद सकता है। यहाँ से आप आसानी से दर्शन करके 30 मिनट के भीतर मंदिर से बहार आ सकते हो।

भस्म आरती दर्शन – यह सबसे प्रसिद्ध पूजा है, जिसे देखने के लिए एडवांस बुकिंग करनी होती है। यह आरती सुबह 4 बजे होती है। ऑनलाइन या मंदिर परिसर से एडवांस बुकिंग ज़रूरी है।ऑनलाइन बुकिंग महाकाल मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर कर सकते है।

अन्य पूजाएँ – रुद्राभिषेक, महाअभिषेक आदि के लिए बुकिंग करनी होती है।

पुरुषों को भस्म आरती के दौरान धोती पहनना अनिवार्य है। कैमरा और मोबाइल फोन मंदिर परिसर में प्रतिबंधित हैं।
त्योहारों और सोमवार के दिन यहाँ पर ज्यादा भीड़ होने की संभावना रहती है।

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन जंक्शन से लगभग 2-3 किमी दुरी पर है। मंदिर खुलने का समय सुबह 3:00 बजे से रात 11:00 बजे तक का होता है।

काल भैरव मंदिर (Kal Bhairav Temple)

काल भैरव मंदिर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित है। यह मंदिर हिंदू धर्म में तांत्रिक पंथ से जुड़ा हुआ माना जाता है, इसलिए आपको यहां कई साधु दिखेंगे जो अपनी तांत्रिक साधना करने के लिए यहां आते हैं।

मंदिर खुलने का समय सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक का होता है।

बड़े गणेश का मंदिर

बड़े गणेश का मंदिर प्रसिद्ध महाकाल मंदिर से कुछ ही दूरी पर, महाकालेश्वर जलाशय के किनारे स्थित है। यहाँ भगवान गणेश की विशाल मूर्ति स्थापित है, जिसके कारण इसे “बड़े गणेश जी का मंदिर” कहा जाता है।

मंदिर में आपको पाँच मुखों वाले गणपति के दुर्लभ रूप की मूर्ति के दर्शन होंगे। मंदिर का वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

बिड़ला मंदिर

बिड़ला परिवार द्वारा निर्मित यह मंदिर उज्जैन शहर का सुंदर और भव्य मंदिर है। क्षिप्रा नदी के तट के पास स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता को समर्पित है।

बेदाग वास्तुकला और सुंदर नक्काशी वाला यह मंदिर में एक सुंदर बगीचे और सुंदर फव्वारे है, जो समग्र वातावरण में चार चांद लगाते हैं।

गोमती कुंड

गोमती कुंड के बारे में कहा जाता है की भगवान श्रीकृष्ण ने सभी पवित्र जलों को एकत्र करके गोमती कुंड का निर्माण किया था। यह कुंड सांदीपनि आश्रम के पास स्थित है।

मान्यता है कि इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता और यहाँ स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है। महाशिवरात्रि और कृष्ण जन्माष्टमी पर यहाँ विशेष श्रद्धालुओं की भीड़ होती है।

कालियादेह महल

शिप्रा नदी के एक द्वीप पर स्थित यह महल ऐतिहासिक और स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है। यह महल 15वीं शताब्दी में मालवा के सुल्तानों द्वारा बनवाया गया था।

प्राचीन ग्रंथों में इसे एक सूर्य मंदिर का स्थान बताया गया है। महल में जल संरचनाओं और खूबसूरत बाग-बगीचों का निर्माण मुगल शासकों द्वारा किया गया था।

कहा जाता है कि अकबर और जहाँगीर ने भी इस महल की यात्रा की थी, और उनके यात्रा संस्मरण यहाँ की दीवारों पर लिखे गए थे।

जंतर मंतर, उज्जैन

जंतर मंतर एक ऐतिहासिक वेधशाला है। यह भारत की पाँच प्रमुख जंतर मंतर वेधशालाओं में से एक है और इसे जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 17वीं शताब्दी में हिंदू विद्वानों और ज्योतिषियों को उनके शोध और अध्ययन में सहायता करने के लिए की गई थी।

राम मंदिर घाट

क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित यह घाट भगवान श्रीराम को समर्पित है, इसलिए इसे “राम मंदिर घाट” कहा जाता है। मान्यता है कि जब भगवान राम अपने वनवास काल में थे, तब वे उज्जैन आए थे और क्षिप्रा नदी में स्नान किया था।

रोज़ शाम को घाट पर गंगा आरती होती है, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है।

भर्तृहरि गुफा, उज्जैन

भर्तृहरि गुफाएँ प्रसिद्ध संत और योगी भर्तृहरि से जुड़ी हुई हैं, कहा जाता है की उन्होंने यहाँ गहरी तपस्या की थी। भर्तृहरि राजा विक्रमादित्य के भाई थे।

अपनी पत्नी के विश्वासघात से दुखी होकर, भर्तृहरि ने अपना राजपाट त्याग दिया और संन्यास लेकर इन गुफाओं में कठोर तपस्या की। उन्होंने भारतीय साहित्य और नीति शास्त्र में महत्वपूर्ण माने जाने वाले ‘वैराग्य शतक’, ‘नीति शतक’ और ‘श्रृंगार शतक’ जैसे अद्भुत ग्रंथों की रचना की।

यह गुफाएँ सैकड़ों साल पुरानी हैं और प्राकृतिक रूप से बनी हुई हैं। यहाँ का वातावरण शांत और दिव्य लगता है।
यहाँ आज भी कई साधु और योगी तपस्या करने आते हैं।

उज्जैन में लोकप्रिय स्थानीय भोजन

उज्जैन मध्यप्रदेश में स्थित है इसलिए यहाँ पर आपको हर स्ट्रीटफूड और होटल में मध्यप्रदेश के व्यंजनों का स्वाद जरूर मिलेगा।

उज्जैन के नाश्ते की शान पोहा-जलेबी हैं। आप लक्ष्मी पोहा-जलेबी सेंटर, टॉवर चौक पर इनका स्वाद जरूर लीजिये।

राजस्थान और मालवा क्षेत्र का पारंपरिक व्यंजन दाल-बाटी और चूरमा, मालवा की स्पेशल थाली (रोटी, दाल, बाटी, कढ़ी, चावल, सब्जी, चटनी, पापड़, और मिठाई) एक बार जरूर ट्राय करनी चाहिए।

साबूदाना खिचड़ी, भुट्टे का कीस, कचोरी-समोसा, चाट-पकौड़ी , गार्लिक चटनी और सेव पराठा हर स्ट्रीट फूड लवर को पसंद आएगी।

उज्जैन की पारंपरिक मिठाई श्रीखंड है इसके अलावा मावा बाटी, गुलाब जामुन, रबड़ी, गोंद के लड्डू बहुत पसंद किया जाता है।

महाकाल मंदिर और फ्रीगंज के चाय स्टॉल मिट्टी के कुल्हड़ में बनी चाय का स्वाद अलग ही मजा देता है। साथ ही महाकाल मंदिर के पास रबड़ी वाला दूध भी बहुत प्रसिद्ध है।

उज्जैन घूमने का सही समय

उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है। तापमान 8°C – 25°C के बीच का होता है। आप बिना किसी परेशानी से यात्रा कर सकते है।

गर्मी के दिनों में यहाँ पर तापमान बढ़ सकता है और गर्मी की वजह से आपको दिनों में यात्रा करने में दिक्क्तें आ सकती है।

बरसात के मौसम में यहाँ पर हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता बढ़ जाती है लेकिन बारिश के कारण कभी कभी नदी में पानी का स्तर भी बढ़ जाता है। बारिश के कारण आपको घूमने में परेशानी हो सकती है।

फरवरी-मार्च में यहाँ पर महाशिवरात्रि का उत्सव होता है, जो शिवभक्तों को काफी आकर्षित करता है। सावन महीना (जुलाई-अगस्त) के दौरान भी यहाँ पर काफी भीड़ होती है लेकिन वातावरण में एक अलग ही उर्जा होती है।

उज्जैन कैसे जाएं?

उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जो महाकालेश्वर मंदिर और सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध है। उज्जैन यात्रा के लिए आपको सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यात्रा करने के कई विकल्प मिलते हैं।

रेल मार्ग से उज्जैन कैसे जाएं?

उज्जैन का प्रमुख रेलवे स्टेशन उज्जैन जंक्शन है, जो प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप निम्नलिखित शहरों से ट्रेन द्वारा उज्जैन पहुंच सकते हैं:

  • दिल्ली से: लगभग 750 किमी (9-12 घंटे)
  • इंदौर से: लगभग 55 किमी (1-2 घंटे)
  • भोपाल से: लगभग 190 किमी (4-5 घंटे)
  • मुंबई से: लगभग 450 किमी (7-10 घंटे)

आप अपनी यात्रा के लिए स्लीपर, 3AC, 2AC, या 1AC कोच में सीटें बुक कर सकते हैं। उज्जैन जंक्शन से मंदिर और प्रमुख स्थलों तक पहुंचने के लिए ऑटो या टैक्सी का उपयोग किया जा सकता है।

सड़क मार्ग से उज्जैन कैसे जाएं?

उज्जैन मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप अपनी प्राइवेट कार, बस या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं।

  • इंदौर से उज्जैन: लगभग 55 किमी, 1-2 घंटे का रास्ता। इंदौर से रोज़ाना बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
  • भोपाल से उज्जैन: लगभग 190 किमी, 3-4 घंटे का रास्ता। इस मार्ग पर भी बस सेवा उपलब्ध है।
  • मुंबई से उज्जैन: लगभग 450 किमी, 7-10 घंटे का रास्ता। मुंबई से आप राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) का उपयोग कर उज्जैन पहुँच सकते हैं।
  • दिल्ली से उज्जैन: लगभग 750 किमी, 12-14 घंटे का रास्ता। दिल्ली से आप NH-44 (पूर्ववर्ती NH-8) मार्ग से उज्जैन जा सकते हैं।

बस सेवा: कई सरकारी और निजी बसें उज्जैन और अन्य प्रमुख शहरों के बीच चलती हैं। आप इन बसों द्वारा उज्जैन आसानी से पहुँच सकते हैं। स्विफ्ट, मर्सिडीज जैसी लग्जरी बसें भी उपलब्ध हैं।

हवाई मार्ग से उज्जैन कैसे जाएं?

उज्जैन में कोई हवाई अड्डा नहीं है। उज्जैन का निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (Devi Ahilya Bai Holkar Airport) में स्थित है, जो लगभग 55 किमी दूर है। आप इंदौर से फ्लाइट लेकर उज्जैन पहुँच सकते हैं।

दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद आदि से इंदौर के लिए सीधी फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।

इंदौर से उज्जैन कैसे जाएं?

  • टैक्सी/कैब: इंदौर एयरपोर्ट से उज्जैन के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाती है (लगभग ₹1200-₹2000, 1-1.5 घंटे का सफर)।
  • बस सेवा: इंदौर से उज्जैन के लिए कई निजी और सरकारी बसें चलती हैं।
  • ट्रेन: इंदौर रेलवे स्टेशन से उज्जैन के लिए ट्रेनें भी उपलब्ध हैं।

उज्जैन में रुकने की जगह

उज्जैन में कैसे घूमे?

उज्जैन के अधिकांश प्रमुख स्थल पास पास में स्थित हैं। महाकालेश्वर मंदिर, राम घाट, भर्तृहरि गुफा, और गोमती कुंड जैसे स्थल नजदीक हैं, जहाँ आप आराम से पैदल चलकर जा सकते हैं।

उज्जैन में घूमने के लिए ऑटो-रिक्शा और टैक्सी एक सुविधाजनक विकल्प हैं। इसके अलावा स्थानीय बस के जरिये आप प्रमुख स्थानों तक आसानी से पहुंच सकते हो। उज्जैन में कुछ स्थानों पर आपको साइकिल या ई स्कूटर किराए पर मिल जायेंगे।

उज्जैन घूमने का खर्चा

उज्जैन जाने का खर्चा ( Ujjain jane ka kharcha) आपके प्रवास के समय, रुकने की जगह, आप वहां पर कैसा खाना खाते है?, आप उज्जैन कैसे पहुँचते है और वहां क्या गतिविधियां करते है उस पर निर्भर करता है। यहाँ एक सामान्य विवरण है।

अगर आप फ्लाइट से यात्रा करते हो तो आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। वही ट्रैन से उज्जैन यात्रा करने का विकल्प आपके लिए एकदम सही और आसान विकल्प रहेगा और आपका परिवहन का खर्चा भी कम होगा। शहर में घूमने के लिए आप ऑटो-रिक्शा या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। स्थानीय परिवहन का दैनिक खर्च लगभग ₹200 से ₹500 तक हो सकता है।

अगर आप उज्जैन के किसी बजट होटल में ठहरते हो तो ₹500 – ₹1,500 प्रति रात, मिड-रेंज होटल में ₹1,500 – ₹3,500 प्रति रात, लक्ज़री होटल/रिसॉर्ट में ₹4,000+ प्रति रात और वहीँ धर्मशाला /आश्रम में ₹200 – ₹700 प्रति रात अनुमानित खर्च हो सकता है।

अगर आप उज्जैन में स्थानीय भोजन और स्ट्रीट फ़ूड खाते हो तो आपको एक व्यक्ति के लिए प्रति दिन भोजन का खर्च लगभग ₹300 से ₹500 तक हो सकता है। वही रेस्टोरेंट और होटल में आपको एक दिन का 800 से 1000 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च हो सकता है।

दर्शनीय स्थलों का खर्चा में आपको 500 से 600 रुपये तक का खर्चा हो सकता है। और शॉपिंग (लोकल मार्केट, धार्मिक वस्त्र, प्रतीक चिह्न) अगर आप करते हो तो ₹2,000 से ₹5000 तक का अनुमानित खर्चा हो सकता है।

कुल अनुमानित खर्च (2 दिन, 1 व्यक्ति)

बजट ट्रिप: ₹2,000 – ₹5,000 मिड-रेंज ट्रिप: ₹5,000 – ₹10,000 लक्ज़री ट्रिप: ₹10,000+

उज्जैन घूमते समय साथ में क्या रखें?

  • फ़ोन और चार्जर
  • आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड
  • प्रार्थना माला
  • भजन पुस्तक या आध्यात्मिक पाठ
  • व्यक्तिगत दवा
  • पानी की बोतल
  • सनस्क्रीन और लिप बाम
  • बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
  • धूप का चश्मा और टोपी ( खासकर गर्म मौसम के दौरान )
  • सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
  • कैमरा
  • छोटा बैग या बैकपैक( मंदिर दर्शन और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान आवश्यक सामान आराम से ले जाने के लिए)
  • नोटबुक और पेन
  • आरामदायक जूते

निष्कर्ष

सचमुच उज्जैन शहर इतिहास, आध्यात्मिकता और संस्कृति मिलकर एक मनमोहक और मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव पैदा करते हैं। इस आर्टिकल में हमने आपको उज्जैन में घूमने की जगह ( Ujjain Me Ghumne ki Jagah), उज्जैन की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको उज्जैन की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।

अगर आप के पास इस आर्टिकल के सम्बंधित कोई भी सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। हम उसे जल्द की अपडेट करेंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि उज्जैन जाने वालों को यह आर्टिकल उपयोगी हो सके।

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