15+प्रयागराज में घूमने की जगह, दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

Prayagraj Allahabad Me Ghumne Ki Jagah : प्रयागराज उत्तरप्रदेश में स्थित भारत के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। प्रयागराज को पहले ‘इलाहाबाद’ के नाम से जाना जाता था। साल 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया।

प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है। प्रयागराज में कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में प्रयागराज जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको प्रयागराज कैसे जाएँ?, प्रयागराज में कहा रुके?, प्रयागराज में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Prayagraj Me Ghumne ki Jagah), प्रयागराज जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

प्रयागराज(इलाहाबाद) में घूमने की जगह | Prayagraj (Allahabad) Me Ghumne ki Jagah

Table of Contents

प्रयागराज घूमने से पहले

प्रयागराज जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़े।

  • महाभारत में यह उल्लेखनीय है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान त्रिवेणी घाट पर तप किया था।

प्रयागराज में घूमने की जगह (Prayagraj Tourist Places in Hindi)

त्रिवेणी संगम

सिविल लाइंस से त्रिवेणी घाट की दुरी लगभग 7 से 8 किलोमीटर है। आप त्रिवेणी घाट तक ऑटो, टैक्सी या ई-रिक्शा के जरिये आसानी से पहुँच सकते है।

त्रिवेणी संगम एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ तीन नदियाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। यह स्थान हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है।

Triveni Sangam Prayagraj
Image: Triveni Sangam Prayagraj

त्रिवेणी संगम का उल्लेख ऋग्वेद, महाभारत, और पुराणों में मिलता है। इसे मोक्ष का द्वार माना गया है। यहाँ पर हर 12 वर्षों में कुंभ मेला आयोजित होता है। नवंबर से फरवरी के बीच का समय संगम की यात्रा के लिए सबसे अनुकूल होता है।

त्रिवेणी घाट से नाव लेकर आप त्रिवेणी संगम पार्क पहुंच सकते हो। नाव सेवा का किराया आम तौर पर नाव के प्रकार, सीजनऔर समय पर निर्भर करता है।

अक्षयवट वृक्ष

अक्षयवट वृक्ष एक पवित्र और पौराणिक वट (बरगद) का वृक्ष है। यह क्षेत्र न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इस वृक्ष के नीचे बैठकर सृष्टि की रचना की थी।

अक्षयवट वृक्ष का स्थान त्रिवेणी संगम के पास है। संगम स्नान के बाद इस वृक्ष के दर्शन और पूजा को अत्यंत शुभ माना गया है।

AkshayVat Tree Prayajraj
Image: AkshayVat Tree Prayajraj

माना जाता है कि माता सीता ने भी इस वट वृक्ष के नीचे कुछ समय तपस्या की थी। यह भी कहा जाता है कि जब जलप्रलय हुई थी, तब भी यह वृक्ष सुरक्षित रहा।

लेटे हनुमान मन्दिर

त्रिवेणी संगम के पास स्थित लेटे हनुमान मन्दिर है, जहाँ पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा शयन मुद्रा में है। 20 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी लेटी हुई हनुमान जी की प्रतिमा के बारे में कहा जाता है की हनुमान जी त्रिवेणी संगम की रक्षा करते है।

Lete Hanuman Mandir
Image: Lete Hanuman Mandir

अशोक स्तंभ

अशोक स्तंभ प्रयागराज में एक ऐतिहासिक स्थान है। इस स्तंभ का निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्वे समार्ट अशोक द्वारा किया गया था।

प्रयागराज किले के अंदर अशोक स्तंभ स्थित है। बलुआ पत्थर से बना हुआ यह स्तंभ लगभग 16 फीट ऊँचा है। स्तंभ की चारों तरफ की दीवारों पर सम्राट अशोक द्वारा धार्मिक लेख और आदेश लिखे हुए है।

अलोप शंकरी देवी मंदिर

अलोप शंकरी देवी मंदिर विशेष रूप से देवी दुर्गा के एक रूप, अलोप शंकारी को समर्पित है। देवी अलोप शंकारी का स्वरूप अदृश्य है। यह मंदिर प्रयागराज के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में एक माना जाता है।

इलाहाबाद का किला 

इलाहाबाद किला भारतीय इतिहास, संस्कृति, और मुग़ल साम्राज्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण धरोहर है। प्रयागराज शहर के केंद्र से 5 किलोमीटर की दुरी पर यह किला स्थित है।

शंकर विमान मंडपम

शंकर विमान मंडपम भगवान शिव से संबंधित एक पवित्र मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। मंदिर को भगवान शिव के पवित्र विमान (जिसे रथ के रूप में दर्शाया जाता है) के रूप में डिजाइन किया गया है।

स्वराज भवन or आनंद भवन

स्वराज भवन और आनंद भवन पंडित मोतीलाल नेहरू और उनके परिवार का घर था। इन भवनों ने भारतीय राजनीति, संस्कृति और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आनंद भवन में एक विशाल नेहरू संग्रहालय स्थित है, जहाँ नेहरू परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षणों और उनके योगदान को विस्तृत रूप से प्रदर्शित किया गया है।

जवाहर तारामंडल

प्रयागराज का एक प्रमुख वैज्ञानिक और शैक्षिक स्थल जवाहर तारामंडल है। सभी उम्र के लोगों के लिए यह एक आकर्षक स्थल है, खासकर खगोलशास्त्र और विज्ञान के प्रति रुचि रखने वालों के लिए।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से 1979 जवाहर तारामंडल को स्थापित किया गया था।

अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आजाद पार्क)

प्रयागराज का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल अल्फ्रेड पार्क भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता चंद्रशेखर आजाद की वीरता और बलिदान की याद में बनाया गया है।

यह पार्क प्रयागराज शहर के इलाहाबाद कॉलेज के पास स्थित है।

मिंटो पार्क (मदन मोहन मालवीय पार्क)

कर्नल गंज क्षेत्र में स्थित मिंटो पार्क को मदन मोहन मालवीय पार्क के नाम से भी जाना जाता है। इस पार्क का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया है, जिनका योगदान भारतीय शिक्षा और समाज सुधार में महत्वपूर्ण था।

पार्क के बीचोबीच मदन मोहन मालवीय का एक एक स्मारक है। पार्क का वातावरण शांतिपूर्ण और प्राकृतिक है। प्रयागराज रेलवे स्टेशन से मिंटो पार्क तक लगभग 5 किलोमीटर की दूरी है।

पार्क के भीतर बने खूबसूरत रास्ते, आरामदायक बेंच और मनमोहक दृश्य इसे एक परफेक्ट पिकनिक स्थल और विश्राम के लिए आदर्श बनाते हैं।

मनकामेश्वर मंदिर

मनकामेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्रयागराज का एक प्रमुख और प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो कर्नल गंज क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण पार्श्वनाथ नामक एक राजा द्वारा किया गया था।

मंदिर का परिसर बहुत ही शांतिपूर्ण है, और यहाँ आने वाले लोग न केवल धार्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बल्कि एक आध्यात्मिक शांति भी महसूस करते हैं।

मंदिर के आस-पास कई होटल्स और गेस्ट हाउसेस हैं, जहाँ पर्यटक आराम से रुक सकते हैं।

खुसरो बाग

प्रयागराज के कर्नल गंज इलाके में स्थित खुसरो बाग खुसरो मीर की समाधी है। खुसरो मीर, सम्राट जहाँगीर का बेटा था, जिसे उसने अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया था।

Khusro Bagh Prayagraj
Image: Khusro Bagh Prayagraj

यहाँ एक सुंदर मुग़ल गार्डन भी है। बाग में गुलाब के फूल, फव्वारे, और सुंदर संगमरमर के रास्ते इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

ऑल सेंट कैथेड्रल

ऑल सेंट कैथेड्रल इलाहाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है। ऑल सेंट कैथेड्रल को ब्रिटिश काल में 19वीं सदी के अंत में बनाया गया था। गॉथिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन उदाहरण यह चर्च एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी है।

All Saints' Cathedral ( C.N.I )
Image: All Saints’ Cathedral ( C.N.I )

चर्च में एक प्रार्थना स्थल भी है, जहाँ लोग शांति और आस्था के लिए आते हैं। ईसाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है और साथ ही यहाँ पर धार्मिक आयोजनों का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है।।

छिवकी झील

प्रयागराज से लगभग 20-25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छिवकी झील एक प्राकृतिक जलाशय है। चारों ओर से हरियाली से घिरी हुई इस झील में सर्दियों के मौसम में, यहाँ विभिन्न प्रकार के साइबेरियन पक्षी आते हैं।

झील के किनारे सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा बेहद आकर्षक होता है। छिवकी झील में आप बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी, बोटिंग और मछली पकड़ना और पिकनिक और ट्रेकिंग का भी आनंद ले सकते हैं। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और रोमांच पसंद करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है।

श्रृंगवेरपुर धाम

प्रयागराज जिले में स्थित श्रृंगवेरपुर धाम विशेष रूप से भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है। श्रृंगवेरपुर का उल्लेख रामायण में मिलता है। यह वही स्थान है जहाँ वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण गंगा नदी पार करने के लिए आए थे।

यहाँ गंगा नदी के किनारे स्थित ‘रामचरण पदुका’ नामक स्थल है, जहाँ माना जाता है कि भगवान राम के चरणों के निशान मौजूद हैं।

यहाँ का वातावरण बहुत शांत और सुरम्य है। हरे-भरे पेड़, बहती हुई गंगा और प्राचीन मंदिरों का संगम इस स्थान को और अधिक दिव्यता प्रदान करता है।

प्रयागराज से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रृंगवेरपुर में ठहरने के लिए कुछ धर्मशालाएँ और होटल उपलब्ध हैं।

प्रयागराज में लोकप्रिय स्थानीय भोजन

कचौड़ी और सब्जी : प्रयागराज उत्तर प्रदेश में स्थित है, इसी वजह से वहां आपको खाने में उत्तर भारत का सबसे लोकप्रिय नास्ता कचौड़ी और सब्जी आपको लगभग हर गली में मिल जाएँगी।

जलेबी : जलेबी यहाँ की सभी मिठाइयों में सबसे पहले स्थान पर है। इसे ज्यादातर कचौड़ी के साथ खाया जाता है।

इलाहाबादी ठंडाई : बादाम, केसर, और मसालों से भरपूर इलाहाबादी ठंडाई अपने स्वाद और ताजगी के लिए प्रसिद्ध है।

सुल्तानी दाल : यह एक विशेष दाल है, जो घी और मसालों में बनी होती है। इसे चावल या रोटी के साथ खाया जाता है।

चाट : प्रयागराज की चाट, विशेष रूप से आलू टिक्की चाट, पानी पूरी (गोलगप्पे), और दही भल्ले का स्वाद एक बार जरूर लीजिये।

इसके अलावा आप इलाहाबादी अमरूद, लस्सी, इलाहाबादी तहारी, गुलाब जामुन और इमरती, छोले-भटूरे का भी आनंद एक बार जरुर लीजिएगा।

प्रयागराज घूमने का सही समय

प्रयागराज घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है। तापमान 8°C – 25°C के बीच का होता है। आप बिना किसी परेशानी से यात्रा कर सकते है।

वैसे तो आप किसी भी समय त्रिवेणी संगम में स्नान कर सकते हो लेकिन नीचे दिए गए दिन में स्नान करने का धार्मिक महत्व माना जाता है।

  • माघ मेला (जनवरी-फरवरी) – संगम में बड़ा धार्मिक मेला
  • कुंभ मेला (हर 12 साल में) – दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
  • बसंत पंचमी (फरवरी) – संगम स्नान के लिए शुभ दिन
  • गंगा दशहरा (मई-जून) – गंगा स्नान का महत्त्वपूर्ण पर्व

गर्मी के दिनों में यहाँ पर तापमान बढ़ सकता है और गर्मी की वजह से आपको दिनों में यात्रा करने में दिक्क्तें आ सकती है।

बरसात के मौसम में यहाँ पर हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता बढ़ जाती है लेकिन बारिश के कारण कभी कभी नदी में पानी का स्तर भी बढ़ जाता है। बारिश के कारण आपको घूमने में परेशानी हो सकती है।

प्रयागराज कैसे जाएं?

प्रयागराज भारत के उत्तरप्रदेश में स्थित है। उत्तरप्रदेश भारत के हर कोने से सड़कमार्ग, रेलमार्ग और हवाईमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपने बजट, अपनी सुविधा और समय के आधार पर परिवहन का विकल्प चुन सकते हैं।

सड़कमार्ग से प्रयागराज कैसे जाएँ?

प्रयागराजउत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों और भारत के अन्य राज्यों से राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। बस, टैक्सी, या अपनी गाड़ी में से कोई भी विकल्प चुनकर प्रयागराज पहुँच सकते हो।

उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम (UPSRTC) की बसें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, और दिल्ली से नियमित रूप से चलती हैं।आपको एसी/स्लीपर और नॉन-एसी दोनों तरह के विकल्प मिल जायेंगे।

प्रयागराज में दो मुख्य बसअड्डे है। एक है शहर के केंद्र में स्थित सिविल लाइंस बस स्टैंड और दूसरा है वाराणसी और कानपुर से आने वाले यात्रियों के लिए लालगोपालगंज बस अड्डा।

आप प्राइवेट बस और कैब का भी विकल्प चुन सकते हो हालाँकि यह आपको काफी महंगा पड़ सकता है। किराया दूरी और कैब के प्रकार पर निर्भर करता है।

रेलमार्ग से प्रयागराज कैसे जाएँ?

अगर आप रेल मार्ग से प्रयागराज आने का सोच रहे हो तो यह एकदम सही और सस्ता विकल्प है। प्रयागराज में मुख्यतः तीन बड़े रेलवे स्टेशन हैं: प्रयागराज जंक्शन (PRYJ), प्रयागराज छिवकी (PCOI) और प्रयाग (PRG) – धार्मिक यात्रियों के लिए सुविधाजनक

भारत देश के सभी प्रमुख रेलवे जंक्शन से प्रयागराज के लिए आपको आसानी से ट्रैन मिल जाएँगी। IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट www.irctc.co.in पर से आप ट्रेन की टिकट आसानी से बुक करवा सकते है।

भारत के सभी प्रमुख शहर से प्रयाग राज के लिए ट्रैन की सूचि

शहरट्रेन का नामसमय (लगभग)
दिल्लीप्रयागराज एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस7-9 घंटे
मुंबईमुंबई-प्रयागराज एक्सप्रेस, गंगा-कावेरी एक्सप्रेस18-22 घंटे
कोलकातापूर्वा एक्सप्रेस, शक्तिपुंज एक्सप्रेस9-12 घंटे
लखनऊइंटरसिटी एक्सप्रेस, गंगा गोमती एक्सप्रेस4-5 घंटे
पटनामहाबोधि एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस6-8 घंटे
वाराणसीइंटरसिटी एक्सप्रेस, एमटीपी एक्सप्रेस2-3 घंटे

स्टेशन से बाहर निकलते ही आपको ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा मिल जाएँगे। इसके अलावा स्टेशन पर प्री-पेड टैक्सी स्टैंड भी उपलब्ध होती है।

हवाई मार्ग से प्रयागराज कैसे जाएँ?

अगर आप हवाई मार्ग के जरिये प्रयागराज आना चाहते हो तो नजदीकी हवाई अड्डा बम्हरौली हवाई अड्डा है, जो प्रयागराज शहर के केंद्र से लगभग 12 किमी पश्चिम में स्थित है।

बम्हरौली हवाई अड्डा देश से सभी प्रमुख हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, भोपाल, कानपुर, मुंबई और बैंगलोर जैसे शहरों से नियमित फ्लाइट उड़ान भरती है। एयरपोर्ट तक आकर शहर के लिए टैक्सी या ऑटो-रिक्शा जैसे विकल्प चुन सकते हो।

आप वाराणसी एयरपोर्ट और कानपूर एयरपोर्ट तक भी आकर वहां से प्राइवेट बस, कैब और कोई भी सड़कमार्ग का विकल्प चुनकर प्रयागराज पहुंच सकते हो।

प्रयागराज में रुकने की जगह

प्रयागराज उत्तरप्रदेश में स्थित एक धार्मिक स्थल है, यहाँ पर ज्यादातर लोग त्रिवेणी संगम देखने के लिए आते है।

प्रयागराज में आपको बजट होटल, लॉज, लक्ज़री होटल (5 स्टार और 4 स्टार), मिड-रेंज होटल, धार्मिक धर्मशालाएँ, आश्रम, होमस्टे और गेस्ट हाउस जैसी सभी प्रकार की सुविधा रहने की सुविधा मिल जाएँगी।

आप अपने बजट के अनुसार प्रयागराज में रहने का विकल्प पसंद कर सकते हो। हमने आपको यहाँ पर होटल का एक लिस्ट दिया है, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

लक्ज़री होटल (5 स्टार और 4 स्टार)

लोकेशन: सिविल लाइंस

  • Hotel Kanha Shyam
  • Millennium Inn
  • Hotel Crown Palace
  • The Legend Hotel
  • Backpacker Hostels
  • Hotel Yatrik

लोकेशन: नैनी

  • Madhurima Resort
  • Zostel Prayagraj

लोकेशन: रेलवे स्टेशन के पास।

  • Hotel Polo Max

लोकेशन: तेलियरगंज

  • Hotel Prayag Inn

धार्मिक धर्मशालाएँ और आश्रम

  • भारद्वाज आश्रम
  • जैन धर्मशाला
  • पंजाबी धर्मशाला
  • Airbnb प्रॉपर्टीज
  • आर.के. गेस्ट हाउस
  • Shanti Kuteer

संगम के पास कैम्पिंग (कुंभ या धार्मिक अवसरों पर)

  • Kumbh Tent City
  • Eco-Camp Sangam

प्रयागराज में कैसे घूमे?

प्रयागराज में घूमने के स्थान शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, लेकिन वे एक-दूसरे से बहुत अधिक दूर नहीं हैं। संगम क्षेत्र के आसपास कई स्थान पास-पास हैं, जहाँ आप पैदल भी घूम सकते हो।

प्रयागराज में घूमने के लिए स्थानीय परिवहन जैसे की ई-रिक्शा, ऑटो सस्ता और सुविधाजनक है। ऑटो/ई-रिक्शा छोटी दूरी के लिए ₹10-30 और लंबी दूरी के लिए ₹50-100 रुपये जितना चार्ज करते है। वहीं कैब में आपको ₹100-300 प्रति यात्रा भुगतान करना पड़ेगा।

पूरे दिन के लिए टैक्सी किराए पर लेने का खर्च ₹1500-2500 हो सकता है। आप टैक्सी किराये पर लेकर एक दिन में प्रयाग राज की मुख्य जगह पर भी घूम सकते हो।

प्रयागराज घूमने का खर्चा

किसी भी जगह पर घूमने का खर्चा आपके यात्रा करने के दिन, ठहरने की जगह, खाने-पीने की पसंद और परिवहन के तरीके पर निर्भर करता है।

फिर भी हमने यहाँ आपको प्रयागराज घूमने का अनुमानित खर्चा दिया गया है।

  • अगर आप फ्लाइट से यात्रा करते हो को अनुमानित खर्चा ₹3,000 – ₹7,000 (दिल्ली/मुंबई से प्रयागराज), ट्रैन से ₹500 – ₹3,000 (AC/स्लीपर क्लास के अनुसार) वहीँ बस से ₹300 – ₹1,500 (साधारण/वोल्वो बस के अनुसार) और लोकल ट्रांसपोर्ट से ₹10 – ₹500 (ऑटो, टैक्सी, ई-रिक्शा) हो सकता है।
  • अगर आप प्रयागराज के किसी बजट होटल में ठहरते हो तो ₹500 – ₹1,500 प्रति रात, मिड-रेंज होटल में ₹1,500 – ₹3,500 प्रति रात, लक्ज़री होटल/रिसॉर्ट में ₹4,000+ प्रति रात और वहीँ धर्मशाला /आश्रम में ₹200 – ₹700 प्रति रात अनुमानित खर्च हो सकता है।
  • खाने-पीने का खर्च के हिसाब में अगर आप सड़क किनारे खाना (स्ट्रीट फूड) खाते हो तो प्रति व्यक्ति ₹50 – ₹150, मिड-रेंज रेस्तरां में प्रति व्यक्ति ₹200 – ₹500 प्रति व्यक्ति और लक्ज़री डाइनिंग में प्रति व्यक्ति ₹800 – ₹2,000 खर्च हो सकता है।
  • दर्शनीय स्थलों का खर्चा में आपको 500 से 600 रुपये तक का खर्चा हो सकता है। और शॉपिंग (लोकल मार्केट, धार्मिक वस्त्र, प्रतीक चिह्न) अगर आप करते हो तो ₹2,000 से ₹5000 तक का अनुमानित खर्चा हो सकता है।

कुल अनुमानित खर्च (2 दिन, 1 व्यक्ति)

बजट ट्रिप: ₹2,000 – ₹5,000 मिड-रेंज ट्रिप: ₹5,000 – ₹10,000 लक्ज़री ट्रिप: ₹10,000+

प्रयागराज घूमते समय साथ में क्या रखें?

  • फ़ोन और चार्जर
  • आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड
  • प्रार्थना माला
  • भजन पुस्तक या आध्यात्मिक पाठ
  • व्यक्तिगत दवा
  • पानी की बोतल
  • सनस्क्रीन और लिप बाम
  • बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
  • धूप का चश्मा और टोपी ( खासकर गर्म मौसम के दौरान )
  • सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
  • कैमरा
  • छोटा बैग या बैकपैक( मंदिर दर्शन और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान आवश्यक सामान आराम से ले जाने के लिए)
  • नोटबुक और पेन
  • आरामदायक जूते

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको प्रयागराज में घूमने की जगह ( Prayagraj Me Ghumne ki Jagah), प्रयागराज की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको प्रयागराज की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।

अगर आप के पास इस आर्टिकल के सम्बंधित कोई भी सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। हम उसे जल्द की अपडेट करेंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि प्रयागराज जाने वालों को यह आर्टिकल उपयोगी हो सके।

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