Haridwar Me Ghumne Ki Jagah : हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थान है। गंगा के पावन तट पर बसा हरिद्वार यानि की ‘हरी की नगरी’। हरिद्वार में हर 12 साल में एक बार कुंभ मेला का आयोजन होता है।
हर की पौड़ी की आरती, मंत्रों की गूंज, और दीपों की रौशनी से नहाई गंगा की लहरें यह सब कुछ मन को एक अनोखे सुकून से भर देता है। अगर आप आस्था, धर्म और संस्कृति से प्रेरित प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में हो तो हरिद्वार आपको हर पहलू में संतुष्टि देगा।
कहा जाता है कि यहां पर गंगा धरती पर स्वर्ग से उतरी थी, इसलिए इसे मोक्ष प्राप्ति का द्वार भी माना जाता है। हरिद्वार में कई विदेशी लोग स्थायी रूप से बस चुके हैं, जो योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक साधना में रत हैं।
अगर आप भी सर्दी या गर्मी की छुट्टियों में हरिद्वार जाना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योंकि इस लेख में हम आपको हरिद्वार कैसे जाएँ?, हरिद्वार में कहा रुके?, हरिद्वार में घूमने की जगह कौन -कौन सी है? (Haridwar Me Ghumne ki Jagah), हरिद्वार जाने में कितना खर्चा होता है? इत्यादि चीजों के बारे में आवश्यक जानकरी देंगे, तो कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
हरिद्वार में घूमने की जगह | Haridwar Me Ghumne ki Jagah
हरिद्वार घूमने से पहले
हरिद्वार जाने से पहले आप उनके बारे में कुछ रोचक जानकरी पढ़ें।
- हरिद्वार को इतिहास में तीन नामों से जाना गया – मायापुरी, गंगाद्वार और हरिद्वार।
- ‘हरिद्वार’ का अर्थ है विष्णु का द्वार (हरि का द्वार), जबकि ‘हरद्वार’ का अर्थ है शिव का द्वार (हर का द्वार)। शैव और वैष्णव परंपराओं के अनुसार दोनों नाम प्रचलित हैं।
- हरिद्वार के पास गंगा सप्त ऋषियों की तपस्या को न रोकने के लिए सात धाराओं में विभाजित हो जाती है। इस जगह को सप्तसरोवर कहा जाता है।
- हरिद्वार में हर 12 साल में लगने वाला कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें करोड़ों लोग एक साथ स्नान करते हैं। यह अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है!
- ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश लेकर गरुड़ उड़ रहे थे, तब चार जगहों पर अमृत की बूंदें गिरीं – उनमें से एक हर की पौड़ी भी है।
- हर की पौड़ी पर एक पत्थर पर भगवान विष्णु के चरण चिन्ह हैं, जिन्हें श्रद्धालु बड़ी आस्था से पूजते हैं।
- आम तौर पर गंगा पूर्व की ओर बहती है, लेकिन हर की पौड़ी पर यह पश्चिम की ओर बहती है, जो इसे और पवित्र बनाता है।
- पतंजलि योगपीठ की वजह से हरिद्वार को आधुनिक आयुर्वेद और योग की राजधानी भी माना जाता है। यहाँ दुनियाभर से लोग इलाज और प्रशिक्षण के लिए आते हैं।
- पर्यावरण और परंपरा की दृष्टि से, गंगा आरती में बिजली की लाइट या कोई आधुनिक साधन नहीं होते — केवल शुद्ध घी या तेल के दीये ही जलाए जाते हैं।
हरिद्वार में घूमने की जगह (Haridwar Tourist Places in Hindi)
हर की पौड़ी
मनसा देवी मंदिर
चंडी देवी मंदिर
माया देवी मंदिर
दक्ष महादेव मंदिर
भारत माता मंदिर
श्री आनंदमयी माँ आश्रम
श्री यंत्र मंदिर
भूतेश्वर महादेव मंदिर
बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर
राजाजी नेशनल पार्क
नीलकंठ महादेव (ऋषिकेश के पास)
गौ घाट
विपश्यना ध्यान केंद्र
विष्णु घाट
पंतजलि योगपीठ
शांति कुञ्ज
सरस्वती आश्रम
बड़ा बाजार
मोती बाजार
ज्वालापुर बाजार
स्वामी विवेकानंद पार्क – गंगा किनारे हरियाली से भरपूर
परमार्थ आश्रम (ऋषिकेश के पास)
सप्त ऋषि आश्रम
वैष्णो देवी मंदिर (हरिद्वार)
हरिद्वार घूमते समय साथ में क्या रखें?
- फ़ोन और चार्जर
- आईडी प्रमाण (पासपोर्ट, आधार कार्ड या लाइसेंस)
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- प्रार्थना माला
- भजन पुस्तक या आध्यात्मिक पाठ
- व्यक्तिगत दवा
- पानी की बोतल
- सनस्क्रीन और लिप बाम
- बैंड-एड्स, एंटीसेप्टिक्स और पेनकिलर मेडिसिन
- धूप का चश्मा और टोपी ( खासकर गर्म मौसम के दौरान )
- सिर ढकने के लिए स्कार्फ या शॉल
- कैमरा
- छोटा बैग या बैकपैक( मंदिर दर्शन और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान आवश्यक सामान आराम से ले जाने के लिए)
- नोटबुक और पेन
- आरामदायक जूते
निष्कर्ष
हरिद्वार ऐसा स्थान जहां आस्था, शांति और परंपरा एक साथ बहती हैं। इस आर्टिकल में हमने आपको हरिद्वार में घूमने की जगह (Haridwar Me Ghumne ki Jagah), हरिद्वार की यात्रा से जुड़ी कई आवश्यक सभी जानकरी डिटेल में बताई है। आशा करते है की यह आर्टिकल आपको हरिद्वार की यात्रा करने में मददगार साबित होगा।
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