वृंदावन श्रीकृष्ण की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। 

वृंदावन सिर्फ एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि चमत्कारों और दिव्य लीलाओं की भूमि है।

आज भी यहाँ कई ऐसी जगहें हैं जहाँ अलौकिक घटनाएँ होती हैं – जिन्हें विज्ञान भी आज तक नहीं समझ पाया।

कहते हैं निधिवन में हर रात श्रीकृष्ण राधा संग रास रचाते हैं। रात में यहां कोई नहीं रुकता । जो रुका, वो सुबह बोल नहीं पाया।

सेवाकुंज में भी रात को प्रवेश वर्जित है। यहाँ राधा-कृष्ण विश्राम करते हैं। पत्तियाँ सुबह बिखरी मिलती हैं, मानो कोई आया हो!

राधा रानी के श्रृंगार के लिए आज भी रंग महल में रोज़ाना फूल, सिंदूर और कंघी रखी जाती है। सुबह सब अस्त-व्यस्त मिलते हैं, जैसे किसी ने उपयोग किया हो!

श्रद्धालु कहते हैं कि यमुना के किनारे अक्सर रात में बांसुरी की मीठी धुन सुनाई देती है।

कई लोग कहते हैं कि रात्रि में कुंज गलियों से राधा-कृष्ण के स्वर सुनाई देते हैं।

बांके बिहारी मंदिर की मूर्ति खुद-ब-खुद आगे-पीछे झुकती है। दर्शन के दौरान भगवान आंखों से आंखें मिलाते हैं।

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